दिन पर दिन बढ़ते बिजली के उपभोग के कारण इसकी कीमतें भी बढ़ती ही जा रही हैं। ऐसे में ऊर्जा के ऐसे साधनों के बारे में गंभीरता से विचार किया जा रहा है जो परंपरागत ऊर्जा की अपेक्षा सस्ते भी हों और हमारे पर्यावरण को हानि भी न पहुंचायें। नवीकरणीय ऊर्जा के ऐसे साधनों में कई विकल्प हैं लेकिन उनमें सबसे प्रमुख है (Solar Energy) सौर ऊर्जा। इसके पीछे का कारण यह है कि भारत में सूर्य की रोशनी वर्ष में 300 से भी ज्यादा दिनों तक उपलब्ध रहती है, साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा के दूसरे विकल्पों की अपेक्षा यह काफी सस्ता और टिकाऊ भी है।


सूर्य की रोशनी को ऊर्जा यानी बिजली के रूप में बदलने के लिये सोलर पैनलों का उपयोग किया जाता है। सोलर पैनल पर जब धूप पड़ती है तो यह बिजली बनाते हैं। ऐसे में अक्सर आपने भी यह सोचा होगा कि आखिर इन साधारण सी दिखने वाली सोलर प्लेटों में ऐसा क्या होता है कि यह धूप के संपर्क में आते ही बिजली उत्पादन करने लगते हैं। तो चलिये आज हम समझते सोलर पैनल और इसकी कार्यप्रणाली के बारे में।

सोलर पैनल क्या है? -What is a solar panel

सोलर पैनल या सोलर प्लेट सोलर सेल से बनी होती है। सोलर सेल सिलिकाॅन मैटेरियल से, दो इलेक्ट्रिकल काॅन्टेक्ट्स के दबाब से बनता है। सिलिकाॅन की परतों से बने सोलर सेल को फोटोवाल्टिक सेल भी कहा जाता है। सिलिकाॅन एक अर्धचालक प्रकृति की धातु होती है। इनकी बनावट में सेल की परतों को इस प्रकार रखा जाता है कि ऊपर वाली परत में ज्यादा मात्रा में इलेक्ट्राॅन पाये जाते हैं। सेल में एक तरफ धनात्मक यानी पाॅजिटिव एवं दूसरी तरफ ऋणात्मक यानी निगेटिव आवेश पाया जाता है। सोलर पैनलों को इन्हीं छोटे छोटे सोलर सेल से बनाया जाता है। 

सोलर पैनल कैसे काम करता है? -How does solar panel work

सोलर पैनल पर जब सूर्य की रोशनी पड़ती है सोलर सेल द्वारा फोटोन की ऊर्जा अवशोषित की जाती है, और ऊपरी परत में पाये जाने वाले इलेक्ट्राॅन सक्रिय हो जाते हैं। तब इनमें बनने वाली ऊर्जा का प्रवाह होना प्रारम्भ हो जाता है। धीरे धीरे यह ऊर्जा का प्रवाह पूरे सोलर पैनल में फैल जाता है, और इस तरह सोलर पैनल डीसी (DC) यानी डायरेक्ट करंट के रूप में बिजली का निर्माण शुरू कर देता है। 

डीसी करेंट को कैसे उपयोग करते हैं? How to use DC current

चूंकि सोलर पैनल डीसी करेंट बनाते हैं, और हमारे घरों में आमतौर पर उपयोग होने वाले उपकरण एसी करेंट पर काम करने वाली होते हैं। ऐसे में सोलर के डीसी करेंट को एसी में बदलने के लिये इन्वर्टर का प्रयोग किया जाता है। हालंाकि आजकल बाजार में कई डीसी उपकरण भी आ गये हैं जिन्हें आप सीधे सोलर पैनल अथवा सीधे बैटरी की मदद से चला सकते हैं।

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