सोलर पैनल की क्षमता को और अधिक कैसे बढ़ाया जा सकता है, सोलर पैनल से ज्यादा बिजली कैसे बनायी जा सकती है? यह वह सवाल हैं जो सोलर के क्षेत्र में कार्य करने वाले वैज्ञानिकों के लिये हमेशा महत्वपूर्ण रहे हैं। वैज्ञानिक लगातार सोलर पैनल की क्षमता बढाने और उनके साइज को छोटा करने पर कार्य कर रहे हैं, ताकि वह जगह कम घेरें और बिजली का उत्पादन ज्यादा करें। इस दिशा में अनेकों शोध हुये और हो रहे हैं। पर ताजा शोध काफी चौंकाने वाला है।
जी हां, अब सोलर पैनलों की क्षमता बढाने के लिये तीखी मिर्च में पाये जाने वाले रसायन कैपसाइसिन का प्रयोग किया जायेगा। यह वही रसायन है जिसके कारण हमें तीखी मिर्च खाते ही गर्मी का अहसास होता है, कान लाल हो जाते हैं। वैज्ञानिकों ने इसी रसायन का प्रयोग करके सोलर पैनल की ताकत बढाने का सफल प्रयोग किया है। दरअसल सिलिकाॅन से बने सोलर पैनल सूरज की गर्मी से बिजली पैदा करते हैं। इस गर्मी में से कुछ प्रतिशत गर्मी बेकार चली जाती है, यानी सूरज की गर्मी का पूरा उपयोग अभी सोलर पैनल नहीं कर पाते। ऐसे में सूरज की गर्मी का पूरा उपयोग करने के लिये पैनल पर कैपसाइसिन नामक रसायन का लेप किया जायेगा।
वैज्ञानिकों का दावा है कि इस लेप के प्रयोग से सोलर पैनलों की क्षमता का 100 फीसदी उपयोग हो सकेगा। चीन की शंघाई स्थित ईस्ट चाइना नाॅर्मल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक बाओ और उनकी टीम ने पीरोवस्काइट सोलर सैल्स का निर्माण किया है। इन सोलर सेल्स के उपर मिर्च में पाये जाने वाले रसायन का लेप लगाया गया है। वैज्ञानिकों ने पाया कि इस लेप को लगाने के बाद सोलर सेल्स की क्षमता में 21.88 फीसदी का इजाफा हुआ।
कैपसाइसिन रसायन के प्रयोग से सोलर सेल्स से ज्यादा इलेक्टान फ्री हो रहे थे। इनके कंडक्शन से तुलनात्मक रूप से ज्यादा बिजली का उत्पादन हो रहा था। हालांकि अभी यह टेक्नाॅलाजी रिसर्च के दौर में है, लेकिन जल्द ही इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि जल्द ही सोलर पैनलों में इस रसायन का प्रयोग आम हो जाये।
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