भारतीय रेलवे को देश के सबसे प्रमुख यातायात साधन के रूप जाना जाता है, इतना ही नहीं भारतीय रेल एशिया का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। भारतीय रेल का नेटवर्क 65 हजार किलोमीटर से भी अधिक लम्बाई वाला है।
भारत में रेल सेवा कब और किसने शुरू की . भारतीय रेल का इतिहास
भारत में रेल सेवा की शुरूआत 16 अप्रैल 1853 को अंग्रेजों के शासनकाल में हुई थी। देश के पहली ट्रेन मुम्बई की बोरी स्टेशन (वर्तमान में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस) से ठाणे के बीच चलाई गई थी। भाप इंजन के जरिये चलाई गई इस ट्रेन में 400 यात्रियों ने सफर किया था। समय के साथ भाप इंजन की जगह डीजल इंजनों ने ले ली।
तेजी से बढ़ते विज्ञान के कदमों ने कुछ ही समय में डीजल इंजलों को भी रिप्लेस करना शुरू दिया और देश में ज्यादातर ट्रेनों का संचालन बिजली से चलने वाले इंजनों से होने लगा।
अब सौर ऊर्जा से चलेगी भारतीय रेल - Indian railways solar power
कार्बन उत्सर्जन कम करने और स्वच्छ पर्यावरण बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय रेलवे को वर्ष 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य दिया है। ऐसे में ट्रेनों को सौर ऊर्जा से चलाने के लिये तैयारी शुरू कर दी गई है। एनजीओ क्लाइमेट ट्रेंड्स और ग्रीन एनर्जी स्टार्टअप राइडिंग सनबीम्स द्वारा किये गये एक अध्ययन Solar train project में कहा गया है कि ग्रिड के माध्यम से जुड़े बिना भारतीय रेलों को सौर ऊर्जा की सीधी आपूर्ति से संचालित किया जा सकता है।
सौर ऊर्जा से 5273 मेगावाट तक की आपूर्ति होगी रेलवे को - Can trains run on solar
अध्ययन में कहा गया है कि कुल सौर क्षमता का लगभग एक चैथाई हिस्सा यानी 5273 मेगावाट को रेलवे की ओवरहेड लाइनों में फीड किया जा सकता है। इससे ने केवल रेलवे के खर्च में भारी कमी आयेगी वरन 68 लाख टन से भी अधिक कार्बन के उत्सर्जन में भी कटौती हो सकती है।
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