उत्तर प्रदेश जनपद फर्रुखाबाद के विकास खण्ड राजेपुर तहसील अमृतपुर में मैजेस्टिक इंडिया की ओर से आटा चक्की और राइस मिल के लिये सोलर पावर प्लांट का सफलतापूर्वक इंस्टालेशन किया गया। ज्ञातव्य हो कि फर्रुखाबाद जनपद के राजेपुर विकास खण्ड में मैजेस्टिक इंडिया की ओर से इससे पहले भी कई सोलर चक्कियों को सोलर से संचालित किया जा चुका है। वहीं कई नये सोलर आटा चक्की प्लांट भी लगाये गये हैं।
स्थानीय निवासी अमरपाल पिछले काफी वर्षों से आटा चक्की और राइस मिल का संचालन कर रहे थे, लेकिन पिछले कुछ समय से तेजी से बढ़ती डीजल की कीमतों से वह काफी परेशान थे। अमरपाल कहते हैं कि ‘डीजल के रेट बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में वह कद्दा (इस क्षेत्र में गेहूं पिसाई के बदले लिया जाने वाला अनाज) की मात्रा कहां तक बढ़़ायें। ऐसे में उन्हें सोलर के माध्यम से अपनी चक्की को चलाने का आइडिया आया।
कैसे पहुंचे मैजेस्टिक इंडिया
अमरपाल बताते हैं कि सोलर आटा चक्की के बारे में जानकारी के लिये सबसे पहले यूट्यूब का सहारा लिया। यहां पर मैजेस्टिक इंडिया द्वारा लगायी गयी कुछ सोलर आटा चक्कियों के वीडियो देखे। इन वीडियो के माध्यम से पता चला कि सोलर ही उनकी समस्या का सही समाधान है। इतना ही नहीं उन्होंने मैजेस्टिक इंडिया द्वारा उनके गांव के पास में स्थित एक सोलर चक्की का विज़िट भी किया।
सोलर चक्की लगाने का किया निश्चय
इसके बाद यह तय कर लिया कि अब उन्हें भी अपनी चक्की को सोलर के माध्यम से ही चलाना है। इसके बाद मैजेस्टिक इंडिया के कार्यालय में संपर्क कर सोलर सिस्टम लगाने के लिये पहला कदम आगे बढ़ाया।
महज दो दिनों में चालू हुआ सोलर प्लांट
आॅर्डर देने और भुगतान करने के बाद मैजेस्टिक इंडिया के एक्सपर्ट इंजीनियर्स ने महज दो दिनों के समय में सोलर प्लांट इंस्टाल कर दिया। एक दिन में सोलर पैनल के लिये स्ट्रक्चर का इंस्टालेशन किया गया। इसके बाद एक ही दिन में सोलर पैनल, वीएफडी, एलए, अर्थिंग आदि का कार्य पूरा कर प्लांट को चालू कर दिया गया।
हर माह होगी 20 से 25 हजार की बचत
अमरपाल कहते हैं कि डीजल खर्चे के रूप में वह प्रतिमाह लगभग 20 हजार रुपये का खर्च करते थे, अब सोलर लगने के बाद उनका यह खर्च बचेगा। ऐसे में सोलर प्लांट में लगाया गया उनका पूरा पैसा दो से ढाई साल में निकल आयेगा। इतना ही नहीं इसी प्लांट के माध्यम से वह सिंचाई के लिये पंप का संचालन भी करेंगे जिससे न केवल उनकी खुद की खेती की सिंचाई हो सकेगी बल्कि दूसरों खेतों में सिंचाई कर अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त कर सकेंगे।
यह भी पढ़ें : -
एक टिप्पणी भेजें