अभी तक आपने बोट को चप्पू की सहायता से अथवा डीजल या पेटोल वाले इंजन से चलते हुये देखा होगा। लेकिन अब आप सौर उर्जा से चलने वाली नाव की सवारी भी कर सकते हैं। पर्यटन को प्रोत्साहित करने और जल तथा जलीय जीवों को पारंपरिक ईंधन चालित नावों के प्रदूषण से बचाने के लिये मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने सोलर नाव संचालित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
बोट की छत पर लगे होंगे सोलर पैनल | Aditya solar electric ferries
विशेष तौर पर तैयार की गई इस नौका की छत पर उन्नत तकनीक वाले सोलर पैनलों को लगाया गया है, वहीं कम धूप, रात के समय अथवा बादल वाले दिनों में नाव को संचालित करने के लिये इसमें बैटरी बैंक और एक वैकल्पिक इंजन की व्यवस्था भी गई है। ऐसा करने से यदि कभी धूप न होने, मौसम खराब होने की वजह से कोई समस्या आती है तो नाव को इंजन पर शिफ्ट किया जा सकता है।
भारत की पहली सोलर बोट कहां चलती है | India's first solar ferry
ऐसा नहीं है कि यह भारत की पहली सोलर नाव है। दरअसल केरल के वाईकाॅम और थवंक्काडावू के बीच सोलर से चलने वाली नौका का संचालन काफी समय से किया जा रहा है। सोलर नाव संचालन करने वाली आदित्य नाम की यह सेवा कोट्यम और अलाप्पुझा जिलों को आपस में जोड़ती है। यह भारत की पहली सोलर नाव सेवा है।
भारत की सबसे बड़ी सोलर बोट | India's first solar-powered ferry and largest solar-powered boat
आदित्य नाम की यह सोलर नौका भारत की सबसे बड़ी सोलर नौका है। इसमें कुल 75 सीटें हैं। केरल के इंजीनियर सांदिश थंडासेरी द्वारा डिजाइन की गई इस नौका के द्वारा 5 से लेकर 8 घंटे तक की यात्रा की जा सकती है।
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