दोस्तों, इस समय आंधी पानी का मौसम चल रहा है, मेरे पास कई ऐसे केस जानकारी में आये जिनमें तेज आंधी में सोलर पैनल का स्ट्रक्चर उखड़ कर सड़क पर जा गिरा। जाहिर सी बात है लोगों का काफी नुकसान हुआ। इतना ही नहीं यदि स्ट्रक्चर किसी वाहन, व्यक्ति अथवा किसी अन्य वस्तु पर गिरता है तो सोलर प्लांट का तो नुकसान होता ही है साथ ही किसी दूसरे व्यक्ति की जान भी जा सकती है, अथवा किसी के वाहन को भी नुकसान हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि सोलर स्ट्रक्चर को सही तरीके से और मजबूती से लगाया जाये।
स्ट्रक्चर को क्या देखना
ज्यादातर लोग जब सोलर सिस्टम लगवाते हैं तो वह सोलर पैनल, इन्वर्टर, बैटरी आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं और उसकी क्वालिटी अच्छी हो इस पर ध्यान देते हैं। वहीं जब बात सोलर स्ट्रक्चर की आती है तो उसे अधिकतर लोग गंभीरता से नहीं लेते। ऐसे लोगों को मानना है कि सोलर स्ट्रक्चर तो बस पैनल को टिकाने भर की चीज है उस पर क्या ध्यान देना।
पर रुकिये। आपका सोलर सिस्टम आपको 20 से 25 साल तक बिजली देने वाला है इसमें कोई संदेह नहीं। पर अगर आप साधारण लोहे के पाइप वाला सोलर स्ट्रक्चर लगा रहे हैं तो क्या वह 20 साल टिकेगा? 10 साल भी टिकेगा। जी नहीं, लोहे के पाइप वाला स्ट्रक्चर ज्यादातर मामलों में 5 से 6 साल बाद ही धीरे धीरे खराब होने लगता है। ऐसे में आपके सोलर पैनल भी रिस्क में आ जाते हैं। ऐसे में जब आप सोलर सिस्टम पर लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं तो स्ट्रक्चर पर कुछ हजार बचा कर आपका फायदा नहीं नुकसान ही होगा।
कमजोर स्ट्रक्चर के नुकसान | solar structure design
यदि आपका स्ट्रक्चर कमजोर है और तेज हवा चलने पर हिलता डुलता है तो ऐसे में भले ही वह पूरी तरह न उखड़े लेकिन वह आपके पैनल को अंदर से नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल हमारे सोलर पैनल के अंदर प्रयोग किये गये सिलिकाॅन की बनावट कुछ ऐसी होती है कि यदि उसमें कुछ माइक्रो क्रैक्स आ जाते है तो वह आपके पावर आउटपुट पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। ऐसे में आपके सिस्टम की परफार्मेंस पर भी असर पड़ता है।
सोलर पैनल का एंगल | solar panel angle in india
सोलर पैनल का एंगल आपको अपने शहर के लेटीट्यूड के अनुसार मेंटेन करना चाहिये। ऐसा करने से आपको सोलर का बेहरीन आउटपुट और परफार्मेंस देखने को मिलेगीे। सही एंगल का प्रयोग न करने से अथवा पैनल को यूं ही सतह पर रख देने से आपको 5 से 10 प्रतिशत तक पावर का नुकसान हो सकता है।
स्ट्रक्चर कितने प्रकार का होता है | How many types of solar structures are there?
मुख्य रूप स्ट्रक्चर एमएस, जीआई, हाॅट डिप और एल्युमिनियम (Types of mounting structures for solar panels) का होता है। लेकिन एमएस का स्ट्रक्चर बार बार जंग लगने, पेंट करने की झंझट आदि के कारण रिकमंडेड नहीं किया जा सकता। ऐसे में सोलर प्लांट के लिये जीआई, हाॅट डिप अथवा एल्युमिनियम का ही स्ट्रक्चर प्रयोग करना चाहिये। इसके साथ ही राउंड अथवा चैकोर पाइप का स्ट्रक्चर भूल कर भी कभी प्रयोग नहीं करना चाहिये।
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