Jharkhand solar energy policy 2022 | अब झारखंड के लोगों के लिये सोलर प्लांट लगवाना काफी आसान होने वाला है। दरअसल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड सोलर एनर्जी पाॅलिसी को विगत 5 जुलाई को लांच किया है। इस नीति के अन्तर्गत जहां सोलर के क्षेत्र में बड़े निवेशकों को आकर्षित करने पर कार्य किया जायेगा, वहीं घरेलू उपभोक्ताआंे को भी सोलर लगाने पर 80 फीसदी की भारी छूट प्रदान की जायेगी।
बंजर भूमि का प्रयोग होगा सोलर प्लांट लगाने में | Jharkhand solar rooftop policy
विशेषज्ञों का मानना है कि झारखंड में बड़े पैमाने पर बेकार पड़ी बंजर भूमि का प्रयोग सोलर प्लांट लगाने के लिये किया जा सकता है। इस पहल से अभी तक बिना किसी प्रयोग के व्यर्थ पड़ी बंजर भूमि का भी सदुपयोग किया जा सके वहीं राज्य को सस्ती सोलर बिजली भी उपलब्ध हो सकेगी।
Solar panel subsidy in Jharkhand | घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर लगाने पर मिलेगी 80 फीसदी सब्सिडी
झारखंड सोलर एनर्जी पाॅलिसी के अन्तर्गत राज्य में 3 लाख तक की वार्षिक आय वाले लोगों को अपने घर पर 1 से लेकर 3 किलोवाॅट तक का सोलर प्लांट लगाने के लिये 60 फीसदी सब्सिडी प्रदान की जायेगी। वहीं 3 से 10 किलोवाॅट तक का सोलर प्लांट लगाने के लिये 80 प्रतिशत सब्सिडी का प्राविधान किया गया है। इस पाॅलिसी के अंतर्गत आजीविका परियोजना के लिये सोलर प्लांट लगाने पर 60 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जायेगी।
45 हजार से अधिक नये रोजगार का सृजन होगा | Director JREDA
राज्य में नयी सोलर पाॅलिसी लागू होने के कारण तेजी से निवेश आयेगा, सरकार को उम्मीद है सोलर के क्षेत्र में निवेश आने और नयी कंपनियों के शुरू होने, सोलर मैन्यूफैक्चरिंग, सोलर इंस्टालेशन, सर्विस आदि क्षेत्रों में 45 हजार से भी अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
एक हजार गांवों को बनाया जायेगा सोलर विलेज | Solar village in India
झारखंड सोलर एनर्जी पाॅलिसी के अन्तर्गत राज्य के एक हजार गांवों को सोलर विलेज बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। इन गांवों में घरेलू लोड से लेकर आटा चक्की, वाॅटर पम्प, सिंचाई से लेकर खाना पकाने तक के काम के लिये सौर उर्जा का ही प्रयोग किया जायेगा।
तालाबों में लगेंगे तैरते हुये सोलर प्लांट | Floating solar power plant in Jharkhand
बंजर भूमि के साथ ही राज्य सरकार ने 31 तालाबों में तैरते हुये सोलर प्लांट लगाने का निश्चय किया है। फ्लोटिंग सोलर प्लांट के माध्यम से राज्य में 900 मेगावाॅट बिजली का उत्पादन किया जायेगा।
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