तेजी से बढ़ते बिजली के बिलों ने लोगों को सौर उर्जा की तरफ मोड़ दिया है। आज हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से की जहां के लोगों में आजकल सोलर के प्रति झुकाव खूब बढ़ रहा है, यही कारण है कि अभी तक सोलर से बिजली बनाने और ग्रिड को सप्लाई देने वाले परिवारों की संख्या 65650 हो गई है। वैसे सौर उर्जा को अपनाने वाले लोगों की संख्या तो इससे भी कहीं ज्यादा है। यह आंकड़ा तो वह है जो क्षेत्रीय डिस्काॅम के पास है। यानी यह उपभोक्त डिस्काॅम से जुड़े हुये हैं।
मध्य प्रदेश पश्चिम विद्युत क्षेत्र वितरण कंपनी के अधिकारी ने बताया इस वर्ष मार्च से जून के बीच लोगों की छतों पर सौर उर्जा के माध्यम से 20 करोड़ रुपये बाजार मूल्य से भी अधिक कीमत की बिजली पैदा की गई। वहीं छतों पर बिजली बनाने के मामले में पश्चिमी मध्य प्रदेश में इंदौर ने अपना पहला स्थान बनाने में कामयाबी प्राप्त की है।
सिर्फ इंदौर जिले की ही बात करें तो इस जिले में 3 हजार 6 सौ भवनों पर सोलर पावर प्लांट की स्थापना की गई है। इन सोलर प्लांटों से कुशलतापूर्वक सोलर बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इन सोलर प्लांटों से पैदा बिजली को घरों में प्रयोग करने के साथ साथ अतिरिक्त उर्जा को ग्रिड मे भेजा जा रहा है।
सोलर उर्जा के प्रयोग से शहरवासियों के बिजली के बिलों में 50 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत तक की कमी आयी है। ज्ञातव्य हो कि केन्द्र सरकार द्वारा इस समय ऑनग्रिड सोलर सिस्टम पर 20 फीसदी से लेकर 40 फीसदी तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है।
सोलर पर सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाने वाली सब्सिडी के बारे में अधिक जानकारी के लिये आप नीचे दिये लिंक पर क्लिक करके और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
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