तेजी से बढ़ते बिजली के उपभोग और परिणामस्वरूप दिन पर दिन बढ़ते जा रहे बिजली बिल से परेशान लोग आजकल सोलर एनर्जी का प्रयोग कर रहे हैं। कुछ समय पहले तक जहां सोलर प्लेटों का प्रयोग ज्यादतर ग्रामीण क्षेत्रों अथवा ऐसे इलाकों में ही होता था जहां बिजली की उपलब्धता नहीं है।
ग्रामीण बैंकों द्वारा बांटी जाती थी सोलर
आपको जवाहरलाल नेहरू सोलर योजना याद ही होगी। इस योजना के अन्तर्गत ग्रामीण बैंकों की ओर लोगों को सोलर होम सिस्टम लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जाता था। सरकार की ओर से सोलर सिस्टम पर 30 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जाती थी। उस समय बैंकों की ओर से सबसे ज्यादा बिकने वाले सोलर सिस्टम की क्षमता क्या थी? जान कर चैंक जायेंगे।
40 watt solar home lighting system, 75 watt solar home lighting system, 150 watt solar home lighting system ज्यादातर यही सिस्टम थे जिन्हें ग्रामीण खरीदते थे। इन सिस्टमों का प्रयोग घरेलू लाइट जलाने और डीसी पंखे चलाने के लिये किया जा सकता था।
समय के साथ बड़े होते गये सोलर प्लांट
बिजली के बढ़ते खर्चे, गांवों में बढ़ी संपन्नता और बिजली से चलने वाले घरेलू उपकरणों में वृद्धि के चलते अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी 1 किलोवाॅट, 2 किलोवाॅट और 5 किलोवाॅट सिस्टम की डिमांड होने लगी है।
गांवों से ज्यादा शहरों में बढ़ा सोलर का प्रयोग
वर्तमान समय में गांवों की अपेक्षा शहरों में सोलर का प्रयोग बढ़ा है, बड़े बड़े अस्पताल, स्कूल, कारखानों में सोलर प्लांट लगाये जा रहे हैं। मैजेस्टिक इंडिया के निदेशक आशीष मिश्र का कहना है कि पहले हमारे कुल राजस्व में ग्रामीण क्षेत्र का हिस्ता 70 फीसदी था, वहीं आज के समय में इसका उल्टा हो गया है। वर्तमान में सोलर बिक्री का 80 फीसदी हिस्सा शहरी क्षेत्रों का है।
Scope in solar energy business in India | सोलर के क्षेत्र में होना अभी बहुत काम
इसके बाबजूद आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अभी भी देश में मौजूद सोलर पैनलों की एफिशिएसीं 20 से 25 फीसदी ही है। यानी किसी खास क्षेत्र पर यदि सूर्य से 1 किलोवाॅट क्षमता की उर्जा आ रही है तो सोलर पैनल उसका 20 फीसदी हिस्सा ही बिजली में बदल पाते हैं।
जितनी जगह में 10 किलोवाॅट प्लांट वहीं लग सकता 80 किलोवाॅट सिस्टम
जाहिर सी बात है यदि आपकी छत पर लगे 10 किलोवाॅट क्षमता के सोलर पैनल 70 फीसदी भी क्षमता पर कार्य करें यानी सूर्य की बिजली को 70 फीसदी तक उर्जा में परिवर्तित करें तो कम जगह में ज्यादा क्षमता के सोलर प्लांट लगाना संभव हो जायेगा।
Solar panel efficiency in India | सोलर में अभी अपार संभावनायें
ऐसे में हम कह सकते हैं कि सोलर पैनल की तकनीक में अभी अपार संभावनायें हैं। वैज्ञानिक इन संभावनाओं को समझते हैं, और यही कारण है कि वैश्विक स्तर पर सोलर पैनलों की efficiency को बढ़ाने के काम चल रहा है।
Are 100% efficient solar panels possible? | क्या सौ फीसदी efficiency वाले सोलर पैनल बन सकेंगे
वैज्ञानिक एक विशेष प्रकार के सोलर सेल का निर्माण करने पर कार्य कर रहे हैं तो सोलर एनर्जी में निहित 100 फीसदी उर्जा को विद्युत उर्जा में बदलने में सक्षम होगी। वैज्ञानिकों ने क्वांटम क्षमता वाले सेल तैयार किये हैं जिनकी उर्जा दक्षता वर्तमान पैनलों से कहीं अधिक है। ऐसे में वह दिन दूर नहीं जब आपको 50 फीसदी एफिशिएंशी वाले सोलर पैनल देखने को मिलें।
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