वैसे तो अभी भी रेलवे में कार्यालयों और परिसर में सौर ऊर्जा का काफी प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन अब रेलवे सोलर के क्षेत्र में और अधिक काम करने की तैयारी है। रेलवे का प्लान है कि पटरियों के आस पास खाली पड़ी जमीनों पर सोलर पैनल लगाकर उनसे पैदा बिजली के माध्यम से टेªनों का संचालन किया जाये। तो अब जल्द ही आपको टेªने भी सोलर की उर्जा से दौड़ती नजर आयेंगी।
रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी (REMCL) कर रही है तैयारी


रेलवे की अपनी ऊर्जा कंपनी यानी रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी (आरईएमसीएल) ने इस प्रोजेक्ट पर कार्य करना शुरू कर दिया है। उत्तर मध्य रेलवे में रेल प्रशासन 1320 एकड़ जमीन पर सोलर पैनल लगायेगा।

2030 तक सभी ट्रेने चलेंगी सौर उर्जा से

वर्ष 2030 तक उत्तर मध्य रेलवे में शत प्रतिशत ट्रेनों को सोलर से चलाने का लक्ष्य तय किया गया है। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये रेलवे ने प्रयास करना प्रारम्भ कर दिया है। रेलवे की खाली पड़ी जमीनों पर सोलर पैनल लगाकर 249 मेगावाॅट बिजली का उत्पादन किया जायेगा।

गंदगी भी साफ होगी, सुंदर होंगे पटरियों के किनारे

इस समय आमतौर पर रेल पटरियों के किनारे काफी गंदगी रहती है। कूड़ा करकट पड़ा रहता है अथवा अवैध झोपड़पट्टियां बस गई है। इन सबके कारण रेलवे पटरियों के किनारे बदसूरत दिखाई देते हैं। ऐसे में पटरियों के किनारे खाली पड़ी जमीनों पर सोलर पैनल लगने से रेलवे को मुफ्त की बिजली तो मिलेगी ही साथ ही पटरियों के किनारे भी सुंदर दिखाई देंगे

पिछले तीन माह में सोलर से बचाये 1.56 करोड़

पिछले तीन माह के समय में उत्तर मध्य रेलवे ने सोलर के माध्यम से 38.4 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया। इससे रेलवे को 1 करोड़ 56 लाख रुपये का लाभ हुआ है। साथ ही 3200 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आयी। जिससे रेलवे का यह प्रयास पर्यावरण के लिये भी बेहद फायदेमंद सिद्ध हुआ।

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