राजस्थान में सौर ऊर्जा के क्षेत्र के लिये एक बड़ी खुशखबरी है। राज्य में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट थार सूर्या-1 के अंतर्गत 750 गीगावाॅट से अधिक का ऊर्जा उत्पादन किया जायेगा। 2.8 अरब से अधिक लागत वाली परियोजना के लिये नार्वे की सबसे बड़ी पेंशन कंपनी नाॅरफंड और केएलपी ने इस परियोजना में 49 फीसदी की हिस्सेदारी लेकर भारी भरकम निवेश का एलान किया है. 
राजस्थान के लिये खुशखबरी

ज्ञातव्य हो कि नार्वे भारत के साथ ग्लोबल एनर्जी ट्रांसमिशन के क्षेत्र में प्रमुखता से भागीदारी कर रहा है। नई दिल्ली स्थित नार्वे दूतावास के अनुसार इस विशाल सौर ऊर्जा परियोजना से प्रति वर्ष 6,15,000 टन से अधिक का कार्बन उत्सर्जन कम होगा। साथ ही यह परियोजना बड़े पैमाने पर सस्ती दरों पर बिजली का निर्माण कर सकेगी।

क्लाइमेट इंन्वेस्टमेट फंड करेगा 1 अरब डाॅलर का निवेश 

क्लाइमेट इन्वेस्टमेंट फंड की ओर से अगले पांच वर्षों में 1 अरब डाॅलर से अधिक का निवेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किया जायेगा। इस बजट का बड़ा हिस्सा भारत मंे सोलर पावर प्लांट लगाने पर खर्च किया जायेगा।
नॉर्वे के जलवायु और पर्यावरण मंत्री एस्पेन बार्थ एड ने भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की थी। इस बैठक के दौरान, दोनों देशों के मंत्रियों ने इस बारे में बात की थी, कि कैसे दोनों देशों ने द्विपक्षीय आर्थिक और तकनीकी पूरकताओं का तेजी से दोहन किया है, और सहयोग को मजबूत करने के लिए कैसे दोनों ही देश तत्पर हैं। 

नॉर्वे ने भी अपने लेटेस्ट रिपोर्ट में साल 2026 तक जलवायु परिवर्तन को लेकर बजट को दोगुना कर 14 अरब डॉलर करने का वादा किया है।

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