एक सोलर प्लांट के लिये किन किन चीजों की जरूरत होती है? सोलर पैनल, बैटरी, सोलर इन्वर्टर, सोलर पैनल स्ट्रक्चर और केबिल। बस यही वह कुछ चीजें हैं जिनकी एक सोलर सिस्टम के लिये जरूरत होती है! यदि आप भी ऐसा सोचते हैं तो आज इस आर्टिकल को ध्यान से पूरा पढ़िये क्यों कि आपको अपनी जानकारी को अपडेट करने की आवश्यकता है।
आइये आज हम चर्चा करते हैं सोलर प्लांट की कुछ ऐसी एक्सेसरीज के बारे में जो आपके प्लांट को सुरक्षित रखने, उसे सालों साल तंदुरूस्त बनाये रखने में सहायक होती है। यह भले ही छोटी छोटी चीजें है पर आपके सोलर सिस्टम के लिये बेहद जरूरी हैं।
MC4 कनेक्टर क्या है?MC4 कनेक्टर का उपयोग कैसे करें?
दिखने में बेहद छोटी सी दिखने वाली यह चीज आपके सोलर पैनलों को आपस में कनेक्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब भी आपको आपको पैनलों को सीरीज अथवा पैरेलल कनेक्ट करना होता है तो आपको इन कनेक्टर्स की आवश्यकता होती है।
आपके सोलर पैनल की वारंटी के लिये जरूरी है एमसी4 कनेक्टर्स
आपने देखा होगा कि ज्यादातर बड़े सोलर पैनलों में कनेक्शन के लिये सोलर पैनल के पीछे 1 मीटर केबिल के साथ एमसी4 कनेक्टर दिये गये होते हैं। कुछ सोलर पैनल इंस्टालर सोलर पैनल की सीरीज बनाने के लिये कनेक्टर को काटकर सीधे केबल को आपस में ज्वाइंट करके टेपिंग कर देते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि सोलर पैनलों के कनेक्टर काटना पैनल के वारंटी नियमों का उलंघन है। सोलर पैनल मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी इसी आधार पर आपकी वारंटी को निरस्त कर सकती है। इसलिये हमेशा अच्छी क्वालिटी के एमसी 4 कनेक्टर्स का प्रयोग करें।
एमसी 4 ब्रांच कनेक्टर| mc4 multi branch connector
जब हमें दो, तीन या चार सीरीज को तैयार करना होता है, तो ब्रांच कनेक्टर की आवश्यकता पड़ती है। यह कनेक्टर कई प्रकार के होते हैं।
2 इन वन MC4 ब्रांच कनेक्टर
इस कनेक्टर का प्रयोग 2 सोलर पैनलों / पैनलों की सीरीज को समानांतर जोड़ने के लिये किया जाता है।
3 इन वन MC4 ब्रांच कनेक्टर
इस कनेक्टर का प्रयोग 3 सोलर पैनलों / पैनलों की सीरीज को समानांतर जोड़ने के लिये किया जाता है।
4 इन वन MC4 ब्रांच कनेक्टर
इस कनेक्टर का प्रयोग 4 सोलर पैनलों / पैनलों की सीरीज को समानांतर जोड़ने के लिये किया जाता है।
डीसीडीबी (DCDB) क्या है? इसका क्या काम है | DCDB kya hai
डीसीडीबी यानी डीसी डिस्ट्रीब्यूशन बाॅक्स। इसे डीसी जंक्शन बाॅक्स भी कहा जाता है। इस बाॅक्स की सहायता से हम सोलर पैनलों की सीरीज और पैरलल करने की प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं। साथ ही कभी भी फाॅल्ट होने की स्थिति में अलग अलग स्ट्रिंग को चेक करना भी डीसीडीबी के माध्यम से काफी आसान होता है। डीसीडीबी में डीसी एसपीडी, डीसी एमसीबी, फ्यूज आदि आपके सिस्टम की सुरक्षा के लिये दिये गये होते हैं।
एसीडीबी यानी एसी डिस्ट्रीब्यूशन बाॅक्स | ACDB kya hai
इस बाॅक्स को सोलर इन्वर्टर और मेन्स के बीच में लगाया जाता है। इसका कार्य इन्वर्टर से आने वाली ऊर्जा को मेन लाइन में पहुंचाना होता है। इस बाॅक्स में सुरक्षा के लिये सर्ज प्रोटेक्शन डिवाइस यानी एसपीडी, फ्यूज़, और एमसीबी लगीं होतीं है।
LA लाइटनिंग अरेस्टर
आपने सोलर प्लांट वाले घरों के ऊपर त्रिशूल नुमा एक डिवाइस लगी देखी होती है। इसे लाइटनिंग अरेस्टर कहते हैं। इसका कार्य आसमानी बिजली गिरने से होने वाले नुकसान से आपके सोलर सिस्टम को बचाना होता है। काॅपर अथवा जीआई से बने इस उपकरण को जमीन के अंदर की गई अर्थिंग से कनेक्ट कर दिया जाता है, जिससे यह आसमानी बिजली को पैनलों को नुकसान नहीं पहुंचाने देता है। आपके सोलर प्लांट की सुरक्षा के लिये यह काफी आवश्यक उपकरण है।
अर्थिंग सिस्टम
एक सोलर सिस्टम में के लिये सही तरीके से अर्थिंग बनाना बेहद आवश्यक होता है। एक अच्छे सोलर सिस्टम के लिये कम से कम 3 अर्थिंग बनायी जातीं हैं। एक एलए के लिये, 1 अर्थिंग एसी साइड के लिये और एक अर्थिंग डीसी साइड के लिये। छोटे सिस्टम के लिये यदि तीन अर्थिंग न बना पा रहे हों तो दो अर्थिंग से भी काम चलाया जा सकता है।
डीसी सोलर केबिल
सोलर पैनल के लिये हमेशा अच्छी क्वालिटी की सोलर केबिल का प्रयोग करना चाहिये। सोलर केबिल आपके सोलर पैनल के करेंट का लाॅस होने से बचाती है, इसमें डबल इंसुलेशन तथा काॅपर वाॅयर के ऊपर जिंक की कोटिंग होती है।
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