Pradhan mantri solar charkha yojana | सोलर चरखा योजना 2022 | सोलर चरखा बदल रहा है महिलाओं की जिंदगी | घर बैठे कमा रही है 15 से 20 हजार महीना
उत्तर प्रदेश में सोलर चरखा योजना ने हजारों महिलाओं की जिंदगी बदल दी है। सोलर चरखे की बदौलत न केवल महिलाओं की जिंदगी बेहतर बन रही है, वरन उन्हें घर बैठे कमाई का एक बेहतरीन साधन भी मिला है। सरकार द्वारा दिये गये सोलर चरखे को महिलाओं ने अपनी प्रगति का साधन बना लिया है।
क्या है सोलर चरखा मिशन । सोलर चरखा योजना क्या है
सोलर चरखा मिशन को पहली बार वर्ष 2016 में बिहार में शुरू किया गया था। बिहार में योजना की सफलता के बाद इस योजना को पूरे भारत में लागू करने का फैसला लिया गया। इस तरह वर्ष 2018 से सोलर चरखा योजना को पूरे देश में लागू किया गया।
सोलर चरखा मिशन की शुरूआत कब हुई । सोलर चरखा योजना की शुरूआत किसने कीसोलर चरखा मिशन की शुरूआत 27 जून 2018 को नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा के द्वारा की गई थी। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आमदनी का एक नया जरिया उपलब्ध करा उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।
सोलर चरखा मिशन के उद्देश्य क्या है?
सोलर चरखा मिशन में 8 लाख से अधिक ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जायेगा। योजना के अंतर्गत लोन भी प्रदान किया जायेगा तथा लाभार्थियों को सब्सिडी भी प्रदान की जायेगी।
सोलर चरखा क्यों?
सोलर चरखा योजना की लाभार्थी अनीता देवी बतातीं हैं कि पहले वह हाथों से सूत कातने का काम करतीं थीं, जिससे वह पूरे दिन में महज आधा किलो सूत कात पातीं थीं, लेकिन वर्ष 2019 में उन्हे सरकार की ओर से दो सोलर चरखे प्रदान किये गये। 12 तीलियों वाला यह सोलर चरखा 400 वाॅट के सोलर पैनल से चलता है। चरखे में मोटर और बैटरी भी लगी है, जिससे धूप न होने पर भी चरखे को आसानी से चलाया जा सकता है।
अनीता आगे कहतीं हैं कि सोलर चरखे की मदद से अब वह प्रतिदिन 2 किलो तक सूत कात लेतीं हैं, जिससे उन्हें हर महीने 15 से 20 हजार तक की कमाई हो जाती है। इससे अब वह अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा पा रही हैं, साथ ही उनके लिये अच्छे कपड़े और अच्छे खाने का इंतजाम भी कर पा रहीं हैं।
उत्तर प्रदेश में कैसे मिलता है सोलर चरखा
उत्तर प्रदेश में सोलर चरखा मिशन को कुछ अलग तरीके से चलाया जा रहा है, प्रदेश में सोलर चरखे का वितरण समाजसेवी संस्थाओं व कंपनियों के जरिये किया जाता है। उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड इस क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं को सहायता प्रदान करता है।
ग्रीनवेयर फैशन जैसे संस्थान चला रहे सोलर चरखा कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश में ग्रीनवेयर फैशन जैसे कई संस्थान सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें सोलर चरखे उपलब्ध करा रहे हैं। ग्रीन वेयर न केवल सोलर चरखा वरन सोलर से चलने वाली सिलाई मशीन भी महिलाओं को उपलब्ध कराती है। इतना ही नहीं कंपनी महिलाओं से सोलर चरखे से तैयार सूत यानी सोलर यार्न की खरीददारी भी करती है।
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