सोलर पैनल कैसे काम करता है | मोनोक्रिस्टलाइन और पॉलीक्रिस्टलाइन | solar panel working principle in hindi
सोलर पैनल कैसे काम करता है? सोलर से बिजली कैसे बनती है?
दोस्तों अक्सर आप सोचते होंगे कि सोलर प्लेट में आखिर ऐसा क्या होता है कि सूर्य की रोशनी पड़ते ही यह बिजली बनाने लगता है। आइये आज हम जानते हैं सोलर पैनल के बारे में पूरी जानकारी साथ ही जानते हैं कि सोलर पैनल बिजली कैसे बनाता है।
सोलर पैनल किससे बनता है?
सोलर पैनल को बनाने के लिये ग्लास, फाइबर, एल्यूमिनियम, काॅपर और सिलिकाॅन का प्रयोग किया जाता है। इनमें से सिलिकाॅन वह तत्व है सोलर की किरणों से बिजली पैदा करने क्षमता रखता है।
सिलिकाॅन क्या है? सिलिकाॅन कैसे बनता है?
सिलिकाॅन एक सेमीकंडक्टर पदार्थ है। सिलिकाॅन को बनाने के लिये रेत को कार्बन के साथ मिलाकर 2 हजार डिग्री के तापमान पर गर्म करने पर हमें सिलिकाॅन प्राप्त होता है।
सिलिकाॅन में करते हैं डाॅपिंग
सिलिकाॅन से बिजली बनाने के लिये इसमें एल्यूमिनियम और फास्फोरस की डाॅपिंग करते हैं। जैसा कि आप जानते ही होंगे कि फास्फोरस की बाहरी कक्षा में 5 इलेक्ट्राॅन होता है, और एल्यूमिनियम की बाहरी कक्षा में 3 इलेक्ट्राॅन होता है। सिलिकाॅन को दो भागों में बांटा जाता है P टाइप सिलिकाॅन जिसमें इलेक्ट्राॅन ज्यादा नहीं होते हैं यानी पाॅजिटिव। दूसरा N टाइप यानी निगेटिव जिसमें इलेक्ट्राॅन की अधिकता होती है।
सोलर पैनल में बनाई जाती है लेयर
सोलर पैनल में P और N की लेयर बनायी जाती है। जब N टाइप सिलिकाॅन को गर्म किया जाता है तो उसमें से इलेक्ट्राॅन बहने लगते हैं। सूर्य से निकलने वाली रोशनी में जो ऊर्जा के कण पाये जाते हैं, उन कणों को “फोटॉन” कहा जाता है। फोटॉन को ऊष्मा या विद्युत के रूप में प्राप्त करने को ही “सौर ऊर्जा” कहते हैं। जिससे सोलर पैनल से बिजली बनना शुरू हो जाती है।
सोलर पैनल कितने तरह के होते हैं?
सोलर पैनल के कई प्रकार होते हैं पाॅलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल, मोनो क्रिस्टिलाइन सोलर पैनल, थिन फिल्म सोलर पैनल, हाॅफ कट सोलर पैनल। लेकिन मुख्य रूप से सोलर पैनलों को दो भागों में ही बांटा जाता है। पाॅली और मोनो।
पॉली सोलर पैनल | polycrystalline solar panel in hindi
पॉली सोलर पैनल कीमत में सस्ते होते हैं। इनके निर्माण में सिलिकॉन के एकल क्रिस्टल का प्रयोग न करके अलग-अलग क्रिस्टल का प्रयोग किया जाता है। साधारण प्रयोग के लिए ये सोलर पैनल उपयोगी होते हैं, लेकिन इनके efficiency मोनो पैनल की तुलना में कम होती हैं.
मोनो सोलर पैनल | monocrystalline solar panel in Hindi
मोनो पैनल उच्च गुणवत्ता वाले सोलर पैनल होते हैं। इनके निर्माण में एकल सिलिकॉन क्रिस्टल का प्रयोग किया जाता है। ये सूर्य की हल्की रोशनी यानि कि बादल वाले दिनों में भी अच्छे से काम कर सकते हैं। पाली सोलर पैनल की अपेक्षा यह थोड़े से महंगे भी होते है।
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