भारत में सोलर पैनल निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार की ओर से 19500 करोड़ की PLI योजना को मंजूरी प्रदान की गई है. ज्ञातव्य हो कि सरकार द्वारा सोलर पैनल व इससे जुड़े कच्चे माल के आयात पर 40 फीसदी टैक्स लगा देने के कारण सोलर पैनलों की कीमत काफी तेजी से बढ़ी है. ऐसे में सोलर पैनल निर्माण को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के लिए निर्माण आधारित सब्सिडी प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से मंजूरी प्रदान की गई है.
किसी भी सोलर सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है सोलर पैनल और सोलर पैनल में इस्तेमाल होने वाले सिलिकॉन तथा दूसरे अन्य कच्चे माल के लिए अभी भी देश की अधिकतर कंपनियां विदेशों से आयात पर ही आश्रित हैं. सरकार की कोशिश है कि देश में ही सोलर उत्पादन को अधिक से अधिक बढ़ाया जाए. यही कारण है कि सरकार की ओर से विदेशों से सोलर और सोलर से जुड़े उपकरणों के आयात पर भारी टैक्स लगाया गया है, ताकि कंपनियां इस टैक्स से बचने के लिए देश में ही सोलर उत्पादन को बढ़ावा दें.
सरकार के इस ऐलान के बाद रिलायंस, अडानी, विक्रम जैसे बड़े बड़े समूह भारत में सोलर पैनल के निर्माण से जुड़ी गतिविधियों को और तेज करने में जुट गए हैं, क्योंकि सरकार की ओर से मिलने वाली मदद निर्माण पर ही आधारित है, ऐसे में कंपनियों को अधिक से अधिक निर्माण करने पर अधिक से अधिक लाभ उठाने का मौका मिलेगा।
जाहिर सी बात है जब उत्पादन अधिक होगा तो रेट भी अवश्य कम होंगे, अब देखना यह है कि सरकार की 19500 करोड रुपए की इस भारी-भरकम स्कीम का लाभ उठाकर देश में सोलर कंपनियां क्या कमाल दिखाती हैं, और उपभोक्ताओं को इसका कितना लाभ मिलता है.
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