सोलर को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने एवं जनता को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के निये प्रदेश में रिन्यूबल एनर्जी पाॅलिसी 2022 लागू कर दी गई है। इस पाॅलिसी के अनुसार 6 किलावाॅट से अधिक लोड वाले बिजली कनेक्शन धारकों को कुल खपत का कम से कम आधा हिस्सा सोलर से लेना अनिवाय होगा। यानी उन्हें अपनी खपत के न्यूनतम 50 प्रतिशत हिस्से के लिये सोलर प्लांट लगाना ही होगा।
मध्य प्रदेश रिन्यूबल एनर्जी पाॅलिसी 2022
मध्य प्रदेश रिन्यूबल एनर्जी पाॅलिसी 2022 के अनुसार ऐसे घर, अस्पताल, कार्यालय, कारखाने तथा अन्य कोई भी संस्थान जिनका बिजली लोड 6 किलोवाॅट अथवा इससे अधिक है, उन्हें अपनी खपत की न्यूनतम 50 प्रतिशत बिजली अपनी छतों पर सोलर सिस्टम लगाकर खुद ही तैयार करनी होगी।
वहीं मध्य प्रदेश राज्य के पर्यटन स्थलों पर तो 100 फीसदी पर्यावरण अनुकूल सोलर एनर्जी का ही इस्तेमाल किया जायेगा। इन जगहों को ग्रीन सिटी के रूप में बदला जायेगा।
सांची और खुजराहो से शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट
मध्य प्रदेश ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे के अनुसार पाॅलिसी का गजट नोटिफिकेशन हो चुका है। हालांकि 6 किलोवाॅट से नीचे लोड वाले लोगों के लिये सोलर लगवाना अनिवार्य नहीं किया गया है। वह अपनी स्वेच्छा से यदि चाहें तो सोलर लगवा सकते हैं। श्री दुबे का कहना है कि सांची को अगले साल जुलाई या अगस्त तक ग्रीन सिटी बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे पूरा करने का भरपूर प्रयास किया जायेगा। सोलर सेक्टर में 50 हजार से अधिक जाॅब
ग्रीन एनर्जी कार्यक्रम को सरकार द्वारा बढ़ावा देने और नयी सोलर एनर्जी पाॅलिसी के लागू होने से सोलर एनर्जी के क्षेत्र में प्रत्यक्ष रूप से कम से कम 50 हजार नौकरियां पैदा होंगी। वहीं काफी लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से भी इससे रोजगार प्राप्त होगा। सोलर एनर्जी कंपनियों को प्रशिक्षित मैनपावर की आपूर्ति के लिये आईटीआई, पाॅलिटेक्निक, इंजीनियरिंग काॅलेजों में सोलर एनर्जी से जुड़े कोर्स प्रारम्भ किये जायेंगे। कैसी होगी ग्रीन सिटी । कैसी होगी सोलर सिटी
ग्रीन सिटी अथवा सोलर सिटी में सबसे पहले सभी सरकारी, अर्धसरकारी भवनों, स्कूल, आंगनबाड़ियों, अस्पतालों, सरकार कार्यालयों आदि को सोलर एनर्जी पर शिफ्ट किया जायेगा। इसके बाद सोलर सिटी में सभी घरों को भी अधिक से अधिक सोलर एनर्जी की ओर मोड़ने का प्रयास होगा।
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