सौर कृषि आजीविका मिशन में सोलर प्लांट लगाने के लिए जो भी किसान अपनी जमीन देना चाहे, उन्हें जमीन उपलब्ध कराने के बदले मिलने वाले किराए की दरें सरकार द्वारा निर्धारित कर दी गई हैं. किसानों को अपनी जमीन पर सोलर प्लांट लगवाने के लिए डेवलपर कंपनी की ओर से प्रति हेक्टेयर 80,000 से लेकर 1.60  लाख रुपए तक के किराए का भुगतान किया जाएगा किराए की गणना डीएलसी दर के आधार पर की जाएगी।

सौर कृषि आजीविका योजना पोर्टल लांच

इस योजना के संचालन के लिए राजस्थान सरकार की ओर से सौर कृषि आजीविका योजना नामक एक वेबसाइट लांच की गई है. यह पोर्टल किसान और सोलर प्लांट डेवलपर कंपनी के बीच एक सेतु का काम करेगा। जो भी किसान अपनी जमीन पर सोलर प्लांट लगवाने के इच्छुक हैं वह इस पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं. वही इस पोर्टल पर मौजूद सोलर डेबलपर कंपनियां अपनी आवश्यकता के अनुसार पोर्टल पर पहले से मौजूद किसानों के डेटाबेस में से इच्छा अनुसार भूमि का चयन कर सीधे किसान से संपर्क कर सकते हैं. 
सौर कृषि आजीविका योजना

सौर कृषि आजीविका योजना | बंजर जमीन से होगी कमाई

जयपुर के विद्युत भवन में कृषि आजीविका पोर्टल योजना लांचिंग के दौरान राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी और प्रमुख सचिव शासन भास्कर एस. सावंत ने मीडिया को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के माध्यम से राजस्थान के ऐसे किसानों को आय का एक बेहतर जरिया मिलेगा जिनके पास काफी जमीन बंजर अथवा बेकार पड़ी हुई है. इस जमीन पर सोलर प्लांट लगाने से जहां राज्य को हरित ऊर्जा मिलेगी वहीं किसान को एक निश्चित आमदनी।
फिलहाल इस योजना के तहत राजस्थान के 781 ग्रिड सब स्टेशनों को चिन्हित किया गया है. इन स्टेशनों के परिक्षेत्र में आने वाले किसानों की जमीन पर सोलर प्लांट लगाने का कार्य किया जाएगा। सोलर प्लांट के इंस्टॉलेशन से लेकर पीपीए तक का सारा कार्य डेवलपर कंपनी देखेगी। किसान को उसकी जमीन का किराया मासिक आधार पर अथवा वार्षिक आधार पर किसान की इच्छा अनुसार प्रदान किया जाएगा।

किसान चाहे तो खुद भी लगा सकेंगे सोलर प्लांट

यदि कोई किसान ऐसा है जो खुद सोलर प्रोजेक्ट लगाने में सक्षम है, तो वह अपनी जमीन पर सोलर प्लांट लगाकर सरकार को सीधे बिजली बेचकर कमाई कर सकता है. ऐसे में आर्थिक रूप से सक्षम किसानों को स्वयं अपनी जमीन पर सोलर प्लांट लगाकर सीधे सरकार को बिजली बेचने का विकल्प भी खुला रहेगा।
बिजली की खरीद दरें डिस्कॉम द्वारा टेंडर के जरिए तय की जाएंगी। इस टेंडर के माध्यम से ही यह तय होगा कि किसान या डेवलपर को बिजली सप्लाई के बदले  किस कीमत पर भुगतान किया जाए.

3 हजार मेगावाट क्षमता के 971 सोलर प्लांट लगेंगे

इस योजना के अंतर्गत इन फीडरों को ग्रीन फीडर में तब्दील किया जाएगा। डिस्कॉम की ओर से चयनित किए गए 781 स्टेशनों पर 3 हजार मेगावाट क्षमता के 971 सोलर प्लांट को लगाया जाएगा। इन तीनों फीडरों पर वर्तमान में 2.78 लाख किसान जुड़े हुए हैं. ऐसे में इन किसानों के लिए भी दिन में निर्बाध रूप से बिजली मिलने की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। जिससे सिंचाई आदि कृषि कार्यों के लिए भी आसानी होगी।

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