Sarkari solar pump yojana | सोलर प्लांट से करें कमाई | सोलर की पूरी जानकारी हिंदी में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से सैकड़ों योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं में सबसे प्रमुख योजना है पीएम कुसुम योजना। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर लगवाने के लिये सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाती है। 
वैसे तो कुसुम योजना के तहत किसानों को मेगावाट तक के सोलर सिस्टम लगाने, अथवा अपनी भूमि को सोलर प्लांट के लिये लीज पर देने का भी विकल्प इस योजना में मिलता है। लेकिन इस योजना का सबसे लोकप्रिय घटक है सोलर पम्प। 

सब्सिडी वाले सोलर पम्प

जी हां, आमतौर पर पीएम कुसुम योजना का मतलब सब्सिडी वाले सोलर पम्प से ही समझा जाता है। इसके पीछे का कारण है कि किसानों के लिये कृषि भूमि की सिंचाई की व्यवस्था करना काफी मुश्किल काम होता है। यही कारण है कि पीएम कुसुम योजना में सोलर पम्प लगवाने के लिये किसानों में होड़ लगी रहती है। 
जैसे ही इस योजना में आवेदन प्रारम्भ होते हैं वैसे ही कुछ ही दिनों में टारगेट फुल हो जाते हैं। ऐसे में यदि आपको भी इस योजना में सोलर पम्प लगवाना है तो आपको अपने राज्य में कुसुम योजना के आवेदन शुरू होते ही तत्काल आवेदन करना होगा।
Sarkari solar pump yojana

कुसुम योजना में सोलर पम्प पर सब्सिडी

कुसुम योजना में केन्द्र और राज्य की सब्सिडी को मिलाकर 70 से लेकर 90 फीसदी तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है। चूंकि अलग अलग राज्यों में सब्सिडी का प्रतिशत अलग अलग है इसलिये हर राज्य में सोलर पम्प पर मिलने वाली सब्सिडी में अंतर होना संभावित होता है। कई राज्यों में केन्द्र व राज्य की मिलाकर 60 फीसदी सब्सिडी और 30 फीसदी राशि के लिये किसानों को बैंक द्वारा ऋण प्रदान किया जाता है। यानी पम्प लगवाने के लिये किसान को सोलर पम्प की कीमत का मात्र 10 प्रतिशत मार्जिन मनी के रूप में जमा करना होता है।

डीजल पम्पों को सोलर पम्प में बदलने के लिये मिलती है प्राथमिकता

कुसुम योजना के अंतर्गत डीजल से चलने वाले पम्पों को सोलर पम्प में बदलने के लिये सबसे अधिक प्राथमिकता प्रदान की जाती है। यानी यदि अभी आपके खेतों की सिचाईं के लिये जो पम्प लगा है उसे आप डीजल से चलाते हैं और डीजल पर होने वाले भारी भरकम खर्चे को बचाना चाहते हैं तो आप कुसुम योजना के अंतर्गत जरूर आवेदन करें। इस योजना में आपको प्राथमिकता प्रदान की जायेगी।

बोरिंग का खर्च किसानों को स्वयं करना होता है

पीएम कुसुम योजना में सोलर पम्प, कंट्रोलर, सोलर पैनल, सोलर स्ट्रक्चर आदि प्रदान किया जाता है। लेकिन बोरिंग की व्यवस्था और बोरिंग का खर्चा किसानों को खुद ही करना होता है। आप जितनी कैपिसिटी का सोलर पम्प लगवाना चाहते हैं, उसी के अनुसार आपको अपनी कृषि भूमि में बोरिंग करानी होगी।

कुसुम योजना की अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें

कुसुम योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिये आप योजना की आधिकारिक बेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं, इसके साथ ही पीएम कुसुम योजना के टोल फ्री नंबर पर भी संपर्क किया जा सकता है।
आशा है आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी, यदि आपको कोई अन्य प्रश्न है, सुझाव है तो यहां कमेंट करके जरूर बतायें। 

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