sabse sasta solar panel | बस थोड़ा सा इंतज़ार सस्ते होने वाले हैं सोलर पैनल
अगर आप सोलर पैनल लगाना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए खास होने वाली है क्योंकि सोलर पैनल बहुत जल्द ही सस्ते होने वाले हैं, बस थोड़ा सा इंतजार और करना होगा. आइए जानते हैं कि सोलर पैनल कितने सस्ते होने वाले हैं और कहां से आप इन सस्ते सोलर पैनलों को खरीद सकते हैं.
दोस्तों! नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सोलर उपकरण बनाने वाली कंपनियों के लिए इज ऑफ डूइंग बिजनेस की स्थिति को बेहतर करने के लिए कदम उठाया है, इसके अंतर्गत सरकार की ओर से प्रोडक्शन आधारित इंसेंटिव यानी पीएलआई की घोषणा की गई है इस योजना के तहत सोलर उपकरण बनाने वाली कंपनियों को विभिन्न स्तरों पर सरकारी सूट और सब्सिडी प्रदान की जाएगी.
इसी के साथ नया उत्पादन संयंत्र लगाने के लिए आवेदन शुल्क में 80% तक कमी की गई है साथ ही अन्य शुल्क में भी 70% की कमी की गई है.
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव बीएस भल्ला ने मीडिया को बताया कि फोटोवॉल्टिक माड्यूल के लिए एएमए में बदलाव से व्यापार करने में आसानी बढ़ेगी और वर्तमान और भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए सोलर फोटोवॉल्टिक मॉड्यूल के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी जिससे कि चीन पर निर्भरता कम होगी.
भल्ला ने कहा कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम योजना के परिणाम स्वरूप भारत में सोलर पैनल निर्माण की क्षमता को तेजी से बढ़ावा मिल रहा है कई भारतीय कंपनियों ने संयंत्र लगाना शुरू कर दिया है तो वही विदेश की भी कई कंपनियां भारत में सोलर उपकरण के निर्माण के लिए अपने संयंत्र स्थापित कर रही हैं.
अदानी, रिलायंस, टाटा आदि भारतीय कंपनियां एवं फर्स्ट सोलर जैसी अमेरिकी कंपनियां भी होड़ में
भारत में सोलर उपकरण निर्माण करने की इच्छुक और इस योजना के अंतर्गत लाभ उठाने के लिए जहां भारत की कंपनियां अदानी, रिलायंस और टाटा आदि ने भी इस योजना में संयंत्र लगाने की ओर अपने कदम बढ़ाए हैं वहीं अमेरिका की फर्स्ट सोलर जैसी कंपनी की ओर से भी भारत में संयंत्र लगाने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गई है.
ज्ञातव्य हो कि फर्स्ट सोलर अमेरिका की टॉप 3 कंपनियों में से एक है, इस कंपनी के अधिकारियों के अनुसार यह भारत में सोलर पैनलों का निर्माण और सोलर पैनल के लिए सोलर सेल्स का निर्माण करेगी ताकि चीन पर निर्भरता समाप्त हो सके. कंपनी का दावा है उसके सोलर पैनल में किसी भी स्तर पर चाइना के कच्चे माल का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
जाहिर सी बात है जब देश में सोलर मॉडल का उत्पादन बढ़ेगा, कंपनियों में प्रतिस्पर्धा होगी तो उसका लाभ निश्चित रूप से उपभोक्ताओं को मिलेगा और सोलर पैनल सस्ते होंगे.
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