Solar chulha price in India in Hindi | इस चूल्हे को घर ले आइये जीवन भर नहीं लेना पड़ेगा गैस सिलेंडर | फ्री में बनेगा खाना
क्या आप रसोई गैस की बढ़ती हुई कीमतों से परेशान है और आपकी रसोई का बजट बिगड़ता ही जा रहा है तो आपके लिए एक बेहद राहत भरी खबर है. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) कालीकट ने सौर ऊर्जा से चलने वाले सोलर कुकर का निर्माण किया है. यह सोलर कुकर अपनी विशेषताओं के चलते इंडियन ऑयल द्वारा विकसित सूर्य नूतन सोलर चूल्हे को भी फेल करता दिखाई दे रहा है. दरअसल इसकी कीमत और इसके फीचर्स सूर्य नूतन से कहीं अधिक एडवांस है साथ ही इसकी कीमत भी बेहद कम है और उपयोग करना बहुत ही आसान.
मैजेस्टिक india में आपका स्वागत है, आइए जानते हैं एनआईटी द्वारा विकसित इस सोलर स्टोव के बारे में यह कैसे काम करता है और इस सोलर स्टोव को कैसे तैयार किया गया.
NIT solar induction cooktop India
दोस्तों इस सोलर चूल्हे का निर्माण करने वाली टीम का नेतृत्व एनआईटी कालीकट के चेयरमैन प्रोफेसर अशोक कर रहे थे. संस्थान की औद्योगिक ऊर्जा अनुसंधान प्रयोगशालाओं में स्मार्ट सोलर स्टोव का परीक्षण किया गया है और यह अपने सभी परीक्षणों पर पूरी तरह सफल रहा है. प्रयोगशाला में परीक्षण के बाद एनआईटी की टीम की ओर से ग्राउंड लेवल टेस्टिंग के लिए इस सोलर चूल्हे को सड़क किनारे खाने/नाश्ते की रेडी लगाने वालों को उपयोग के लिए दिया गया.
सोलर पैनल को सड़क के किनारे रखा गया और सोलर चूल्हे को उस से जोड़ दिया गया, इसके बाद इसी सोलर चूल्हे पर वेंडर्स ने खाने पीने की चीजें तैयार करना शुरू किया वह भी बिना किसी खर्च के. स्ट्रीट वेंडर्स द्वारा मिले रिस्पांस के आधार पर इस सोलर स्टोव को बहुत ही कम कीमत में तैयार किया गया है
सोलर चूल्हे के कितने मॉडल हैं
इस सोलर स्टोर को मुख्य रूप से 2 मॉडलों में प्रस्तुत किया गया है सिंगल और डबल स्टोव.इन मॉडलों को सीधे सोलर पैनल के माध्यम से चलाया जा सकता है. यह घरेलू खाना बनाने के लिए तो उपयुक्त है ही साथ ही उन लोगों के लिए भी बहुत ही उपयोगी है जो सड़कों के किनारे खाद्य पदार्थ बनाकर बेचते हैं और उन्हें व्यावसायिक सिलेंडर के लिए बहुत बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है. ऐसे में उनके लिए अपने घर का खर्च चलाना बड़ा ही मुश्किल हो जाता है, क्योंकि व्यावसायिक सिलेंडर घरेलू सिलेंडर से भी अधिक महंगा पड़ता है ऐसे में यह नवाचार ऐसे लोगों के जीवन को बदलने वाला साबित हो सकता है.
solar chulha kaise kam karta hai
प्रोडक्ट को एनर्जी देने के लिए जोड़े जाने वाला सोलर पैनल सड़क के किनारे या फिर छतों पर लगाया सकता है. इस प्रोडक्ट की सबसे खास बात यह है कि है खाना बनाने के साथ-साथ रोशनी करने के भी काम आएगा इसमें एक एलईडी बल्ब लगा हुआ है जो काफी अच्छी रोशनी देता है.
एनआईटी की ओर से इसके एक एडवांस मॉडल को भी लांच किया गया है जो दिन के दौरान सूर्य की ऊर्जा से और रात के समय बैटरी से भी काम कर सकता है.
एक और जहां यह सोलर स्टोव महंगी रसोई गैस और बिजली के बिल से मुक्ति दिलाता है वहीं इसके प्रयोग से पर्यावरण को भी काफी लाभ होता है. इसमें किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं है ना ही धुआं निकलता है, ना ही यह यह कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन करता है.
ऐसे में यदि एक सामान्य परिवार इस सोलर स्टोव का प्रयोग करता है तो वह अपने घर के वार्षिक खर्च में जहां कम से कम ₹12000 बचा सकता है वहीं पर्यावरण को बचाने में अपना अच्छा योगदान दे सकता है. यह सोलर कुकटॉप बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों तक के लिए बेहद सुरक्षित है. इस सिस्टम को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने आर्थिक मदद उपलब्ध कराई है. डेवलपर्स का कहना है कि बहुत सी कंपनियों ने इसकी तकनीक को बड़े स्तर पर बनाने के लिए एनआईटी से संपर्क किया है.
सोलर चूल्हे की कीमत | solar chulha price in india 2023
सोलर चूल्हे कीमत की बात करें तो इसका सिंगल बर्नर मॉडल ₹10000 और डबल बर्नर मॉडल ₹15000 के आसपास हो सकता है. यदि इस पर सरकार को सब्सिडी देती है तो इसकी कीमत में और भी अधिक कमी आ सकती है.
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