wind turbines vs solar panels for homes | क्या अब सोलर की बजाय विंड टर्बाइन लगाना पसंद कर रहे हैं लोग?
बिजली के बढ़ते हुए बिलों के करण लोग इस समय सोलर एनर्जी को तेजी से अपना रहे हैं, लेकिन सोलर के साथ एक दिक्कत यह है यह बादलों वाले दिनों में या कोहरे के समय बिजली का उत्पादन नहीं करता है. ऐसे में जब कभी लंबे समय तक बादल छाये रहते हैं या फिर कोहरा होता है, तो सोलर से उतना बिजली का उत्पादन नहीं होता जितनी कि हमारी आवश्यकता होती है.
ट्यूलिप टर्बाइन क्या है? | विंड टर्बाइन कैसे काम करता है
सोलर की इस समस्या को देखते हुए आजकल लोगों के बीच तेजी से विंड टर्बाइन की मांग बढ़ती जा रही है. दरअसल एक समय था जब विंड टर्बाइन का प्रयोग बड़े स्तर पर बिजली बनाने के लिए किया जाता था और इन्हें लगाने के लिए बहुत अधिक स्थान और तेज हवाओं की आवश्यकता होती थी. इतना ही नहीं विंड टर्बाइन की कीमत भी बहुत अधिक थी. जिसकी वजह से घरों में विंड टर्बाइन का प्रयोग करना काफी मुश्किल था.
मेगा वाट स्तर पर बिजली के उत्पादन के लिए भारत में सुजलॉन एनर्जी जैसी कंपनियां काफी समय से विंड एनर्जी में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं. लेकिन घरेलू स्तर पर एनर्जी का प्रयोग करने के लिए बड़े विंड टर्बाइन को लगाना मुश्किल कार्य था.
परंतु सोलर के साथ होने वाली कई समस्याओं और महंगे बिजली बिल की समस्या को देखते हुए कई कंपनियां ट्यूलिप टरबाइन, फ्लावर टरबाइन आदि नाम से छोटे विंड टर्बाइन लॉन्च कर रही हैं. जो कीमत में भी काफी सस्ते हैं, इतना ही नहीं इन विंड टर्बाइन को आसानी से घरों की छत पर लगाया जा सकता है.
सोलर पैनल या विंड टर्बाइन में कौन सा विकल्प अच्छा है?
क्या ट्यूलिप टरबाइन को लगाना चाहिए?
ट्यूलिप टरबाइन की कीमत क्या होगी?
विंड टर्बाइन / ट्यूलिप टरबाइन कहां मिलेगा?
क्या विंड टर्बाइन मेंटेनेंस फ्री है?
यदि आपके मन में भी यह सवाल हैं, तो इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें.
जब से विंड टर्बाइन के रूप में एनर्जी का दूसरा विकल्प हमारे सामने आया है, तब से जो भी लोग सोलर लगाने के इच्छुक हैं, उनके सामने एक बार विंड टरबाइन लगाने का ख्याल भी जरूर आता है. दोनों ही विकल्पों के अपने-अपने फायदे और अपने नुकसान है.
क्या विंड टर्बाइन को घर पर लगा सकते हैं?
सोलर सिस्टम उन जगह के लिए हमेशा बेहतर होता है जहां वर्ष के अधिकतर समय काफी तेज धूप रहती है. जबकि ट्यूलिप विंड टरबाइन ऐसे स्थान के लिए बेहतर होती हैं जहां बादल छाए रहते हैं और तेज हवाएं चलती रहती हैं. उदाहरण के लिए राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उड़ीसा जैसी राज्यों में अच्छी धूप मिली रहती है इसलिए इन इलाकों में सोलर पैनल लगवाना ही बेहतर होता है.
जबकि पहाड़ी राज्यों या समुद्र किनारे बसे हुए राज्यों में ज्यादातर समय बादल होते हैं या फिर तेज हवाएं चलती रहती हैं ऐसे में इन इलाकों के लिए ट्यूलिप टरबाइन लगाना ही बेहतर होता है.
क्या ट्यूलिप विंड टर्बाइन साधारण हवा में भी कम करते हैं?
आधुनिक तकनीक के विंड टर्बाइन साधारण हवा के दौरान भी अच्छे से कम करते रहते हैं. ट्यूलिप टरबाइन को आप अपने घर की छत पर आसानी से लगा सकते हैं. यह कई प्रकार के रंगो में आते हैं जिससे की आप अपनी इच्छा अनुसार कलर का चयन करके अपने घर को एक अलग लुक भी दे सकते हैं.
मेंटेनेंस की बात करें तो जैसा कि आप जानते ही होंगे की जो भी मशीन चलती है यानी उसमें मूवमेंट होता है हमेशा उसमें मेंटेनेंस की आवश्यकता होती है, हालांकि टरबाइन में बहुत अधिक मेंटेनेंस नहीं होता. लेकिन सोलर से तुलना करें तो सोलर की अपेक्षा विंड टर्बाइन में मेंटेनेंस अधिक होता है. क्योंकि सोलर पैनल एक जगह पर स्थाई लगे रहते हो उनमें मूवमेंट नहीं होता इसलिए उनकी लाइफ बहुत अधिक होती है जब ट्यूलिप टरबाइन 24 घंटे चलती रहती है.
जाहिर से बात है जो भी मशीन चलेगी उसमें आपको थोड़ा सा मेंटेनेंस करना ही पड़ेगा.
Wind power vs solar power cost | क्या ट्यूलिप टरबाइन सोलर सिस्टम से सस्ता है?
दोस्तों सोलर और ट्यूलिप टरबाइन की कीमतें लगभग एक समाज है दोनों की कीमतों में कोई बहुत बड़ा अंतर वर्तमान में नहीं है. उदाहरण के लिए 1 किलो वाट का सोलर सिस्टम आपको 65000 से 70 हजार में मिल जाता है वहीं 12 वॉल्ट 1 किलो वाट का ट्यूलिप टरबाइन भी आपको 68000 से 70 हजार रुपए के बीच में आसानी से मिल जाता है ऐसे में कीमत के मामले में दोनों ही विकल्प अभी एक सामान है.
आपको अपने क्षेत्र के हिसाब से सिस्टम का चयन करना चाहिए.
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