Best solar system for home in India | बिजली बिल 300 यूनिट का आता है तो कौन सा सोलर लगवाना चाहिए
अगर आपके घर का बिजली का बिल 300 यूनिट के आसपास आता है, तो आपको कौन सा सोलर सिस्टम लगवाना चाहिए? दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि इन दिनों बिजली के बिल में निरंतर वृद्धि होती जा रही है, लगभग हर साल प्रति यूनिट बिजली के चार्ज में कुछ ना कुछ बढ़ोतरी हो ही जाती है. ऐसे में अगर आप भी बिजली के बिल से परेशान है साथ ही बार-बार होने वाली बिजली की कटौती भी आपको परेशान करती है तो आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है सोलर सिस्टम लगवाना.
तो चलिए आज के इस आर्टिकल में जानते हैं कि अगर आपके घर का बिजली का बिल 300 यूनिट के आसपास आता है तो आपको कौन सा सोलर सिस्टम लगवाना चाहिए.
1 किलोवाट सोलर कितनी बिजली बनाता है?
दोस्तों 1 किलो वाट का सोलर सिस्टम प्रतिदिन 4 से 5 यूनिट बिजली का उत्पादन करता है, अच्छी तकनीक के सोलर पैनल होने पर कई मामलों में अधिकतम 6 यूनिट उत्पादन भी देखा गया है लेकिन साल भर का औसत निकाले तो यह 4 से 5 यूनिट प्रतिदिन ही पड़ता है. यानी 1 किलो वाट के सोलर सिस्टम से आपको हर महीने 120 से 150 यूनिट के बीच बिजली मिलती है.
2 किलो वाट सोलर कितनी बिजली बनाता है?
यदि आपके घर का बिजली का बिल 300 यूनिट मासिक है तो आपको कम से कम 2 किलो वाट का सोलर सिस्टम लगाना होगा. 2 किलो वाट का सोलर सिस्टम प्रतिदिन 8 से 10 यूनिट बिजली का उत्पादन करेगा. ऐसे में आपका बिजली का बिल लगभग 80% तक कम हो जाएगा. आपको मात्र मिनिमम चार्ज का ही भुगतान करना पड़ेगा.
ऑन ग्रिड या ऑफ ग्रिड- घर पर कौन सा सोलर लगवाना चाहिए?
दोस्तों सोलर लगाते समय अगर आपको ऑन ग्रिड या ऑफ ग्रिड सोलर कौन साल लगवाएं, यह डिसीजन लेने में समस्या आ रही है तो हम आपको बताते हैं किस तरह से आप आसानी से यह डिसाइड कर सकते हैं कि आपको अपने घर पर कौन सा सोलर सिस्टम लगवाना चाहिए.
अगर आपके घर पर बिजली की सप्लाई बहुत अच्छी आती है यानी पूरे दिन आपके घर लगातार बिजली की सप्लाई रहती है, तथा आप एक बेहद सस्ता सोलर सिस्टम तथा एक ऐसा सोलर लगाना चाहते हैं जिसमें आपको बार बार कोई निवेश न करना पड़े, मेंटेनेंस फ्री सिस्टम हो तथा आपको बेकअप की आवश्यकता नहीं है, सिर्फ बिजली के बिल बचाने के उद्देश्य सोलर सिस्टम लगा रहे हैं तो आपके लिए ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम बेस्ट ऑप्शन है.
ऑनग्रिड सोलर सिस्टम कैसे काम करता है?
यदि आप नहीं जानते तो आपको बता दें कि ऑनग्रिड सोलर सिस्टम ग्रिड के साथ सिन्क्रोनाइज़ होकर काम करता है. यह सिस्टम सिर्फ तभी काम करता है जब सूर्य की रोशनी और बिजली दोनों उपलब्ध हो. यदि अच्छी धूप खिली है लेकिन बिजली की सप्लाई नहीं आ रही है तो ऑनग्रिड सिस्टम काम नहीं करेगा. इसके साथ ही इस सोलर सिस्टम में बेकअप की सुविधा भी उपलब्ध नहीं होती.
ऑफ ग्रिड सोलर कैसे काम करता है
यदि आप किसी ऐसे स्थान पर है जहां पर बिजली की सप्लाई बहुत अच्छी नहीं आती या फिर आपको रात के दौरान बैकअप चाहिए तथा बिजली जाने पर सोलर एनर्जी अनवरत प्राप्त करना चाहते हैं तो आपके लिए ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम सबसे अच्छा ऑप्शन है.
क्योंकि इस सोलर सिस्टम में बैटरी का प्रयोग किया जाता है, इसलिए यह इंडिपेंडेंट रूप से काम करता है इसको ग्रिड की आवश्यकता नहीं होती. दिन में सीधे सूर्य की रोशनी से तथा रात में बैटरी के माध्यम से बैकअप प्रदान करता है.
सब्सिडी कौन से सोलर पर मिलती है?
दोस्तों सब्सिडी की बात करें तो सरकार की ओर से सब्सिडी सिर्फ ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम यानी बिना बैटरी के सोलर सिस्टम पर दी जाती है.
क्या सब्सिडी वाले सिस्टम में बाद में बैटरी लगा सकते हैं?
कई लोगों का यह कहना होता है कि पहले सब्सिडी वाला यानी बिना बैटरी का सिस्टम लगा लेते हैं इसके बाद में उसमे बैटरी अलग से खरीद कर लगा लेंगे. यदि आप भी यह सोचते है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऑनग्रिड सोलर सिस्टम का इनवर्टर अलग तकनीक का होता है, वह बैटरी को सपोर्ट नहीं करता. यानी आपके पास बाद में भी सब्सिडी वाले सोलर में बैटरी लगाने का ऑप्शन उपलब्ध नहीं होगा.
आशा है आपको जानकारी पसंद आई होगी, यदि आपका कोई सवाल है तो हमें कमेंट करके अवश्य बताएं साथ ही हमारे साथ सोशल मीडिया पर अवश्य जुड़ें, ताकि आपको सोलर और तकनीक से जुड़ी नयी जानकारी और समाचार प्राप्त होते रहें.
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