सोलर पैनल का कारोबार करने वाली कई प्रमुख कंपनियां और फर्म इस समय जीएसटी की रडार पर है, अधिकारियों का मानना है कि सोलर का कारोबार करने वाली कई फर्म बिलिंग में पारदर्शिता नहीं बरत रही है. साथ ही उनके कई लेनदेन को संदिग्ध की श्रेणी में मानते हुए जांच की जा रही है.
इसी क्रम में सोलर पैनल इनवर्टर और इलेक्ट्रिक मीटर का कारोबार करने वाली कंपनी सीयू एनर्जिस लिमिटेड के ठिकानों पर स्टेट जीएसटी के संभागीय कार्यालय की टीम ने छापे की कार्यवाही की. अधिकारियों ने कंपनी के विजयनगर, शताब्दीपुरम, सुख सागर, ब्लू नर्मदा रोड और कटंगा में एक साथ दबिश दी. अधिकारियों को कंपनी में बहुत ज्यादा स्टॉक तो नहीं मिला लेकिन खरीद बिक्री से जुड़े हुए दस्तावेजों को जप्त किया गया है.
जीएसटी अधिकारियों की ओर से कुछ और सोलर फर्मों पर भी इसी तरह की कार्यवाही की संभावना व्यक्त की जा रही है. यह कार्रवाई जबलपुर के साथ साथ प्रदेश के अन्य जिलों में भी हो सकती है.
स्टेट जीएसटी के संभागीय कार्यालय ने जीएसटी के स्टेट हेड क्वार्टर के आदेश पर सोलर पैनल का कारोबार करने वाली कंपनी सी यू एनर्जी लिमिटेड के 3 व्यावसायिक स्थलों पर जांच शुरू की है. जांच में पता चला कि कटंगा में कंपनी का कोई व्यापार नहीं है इस कारण सिर्फ बिजयनगर और नर्मदा रोड पर जांच की जा रही है.
सीयू एनर्जी लिमिटेड के निदेशक विशाल दुबे, शिवानी श्रीवास्तव, उमा दुबे और शिल्पा दुबे से अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं. जीएसटी अधिकारियों को जांच में पता चला की विशाल दुबे की पत्नी नंदिनी दुबे एक और कंपनी की भी निदेशक हैं इस कंपनी का पंजीकरण पिछले वर्ष अप्रैल में हुआ था. 1 वर्ष के समय में इस कंपनी ने एक करोड़ 86 लाख रुपए का व्यापार किया.
इस कंपनी के द्वारा सीयू एनर्जी लिमिटेड के साथ कारोबार के प्रमाण मिले हैं. जांच में पता चला कि सीयू एनर्जी फार्म की तरफ से खरीद और बिक्री दिखाई जा रही है ई वे बिल भी जारी किए गए हैं लेकिन उसकी तुलना में स्टॉक उपलब्ध नहीं मिला.
स्टेट जीएसटी के ज्वाइंट कमिश्नर आरके ठाकुर ने मीडिया को बताया कि सोलर उपकरणों का कारोबार करने वाली फर्म सीयू एनर्जी लिमिटेड के 2 व्यापारिक स्थलों पर जांच चल रही है जीएसटी टीम की ओर से खरीद और बिक्री से जुड़े हुए दस्तावेजों को जप्त किया गया है. इस दौरान "अपनी बिजली" नाम की एक फार्म के बारे में भी जानकारी प्राप्त हुई है इस फर्म की भी जांच की जा रही है.
व्यापार मंडल की ओर से जीएसटी की इस छापेमारी का विरोध किया जा रहा है, पदाधिकारियों का कहना है कि जीएसटी छापेमारी के नाम पर अधिकारी व्यापारियों को परेशान कर रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि आधुनिक तकनीक के इस युग में सरकार को कुछ ऐसा टैक्सेशन सिस्टम बनाना चाहिए की प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग के समय ही टैक्स की वसूली हो जाए और हर स्तर पर व्यापारी अवांछित लिखा पढ़ी और व्यर्थ के मानसिक तनाव से बच सकें.
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