जैसा कि हम सभी जानते ही हैं कि पारंपरिक ऊर्जा के स्त्रोत धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं, यही कारण है कि इस समय नवीकरणीय ऊर्जा के विभिन्न स्त्रोतों पर तेजी से काम किया जा रहा है. सरकारी व गैर सरकारी हर स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित किया जा रहा है. नवीकरणीय ऊर्जा के प्रमुख विकल्पों में सोलर एनर्जी और विंड एनर्जी प्रमुख हैं.
इन दोनों ही ऊर्जा के स्रोतों को सरकारी एवं निजी स्तर पर तेजी से अपनाया जा रहा है. जिसमें सबसे अधिक उपयोग में आ रही है सौर ऊर्जा. सौर ऊर्जा के लिए सोलर पैनलओं की जरूरत होती है, सोलर पैनल बिजली बनाते हैं सूर्य की ऊर्जा से. सूर्य से पृथ्वी को इतनी ऊर्जा प्राप्त होती है जिससे पूरी दुनिया की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सकता है.
दोस्तों, सूर्य पृथ्वी पर ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत है पृथ्वी से करोड़ों किलोमीटर दूर होने के बाद भी सूर्य की रोशनी के जरिए ही सोलर एनर्जी तैयार की जाती है. क्या आपने कभी सोचा है कि यदि सूर्य जितनी उर्जा पृथ्वी पर ही तैयार हो जाए तो हमें डीज़ल - पेट्रोल की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. पृथ्वी पर स्वच्छ ऊर्जा का एक बड़ा भंडार होगा.
यह सिर्फ कपोल कल्पना नहीं, बल्कि अब हकीकत होने वाली है, दरअसल वैज्ञानिक पृथ्वी पर कृत्रिम सूर्य जैसी उर्जा तैयार करने की ओर तेजी से कदम आगे बढ़ा रहे हैं. इस तकनीक की सफलता पर इतनी उर्जा पैदा हो सकेगी जिससे पूरी दुनिया की ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति की जा सके.
Nuclear fusion reaction Hindi
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन में नेट एनर्जी गेन (NEG) हासिल किया है आसान शब्दों में कहें तो न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन के दौरान जितनी ऊर्जा का इस्तेमाल किया गया उससे कहीं ज्यादा ऊर्जा तैयार की गई. न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन के जरिए ऊर्जा का असीमित सुरक्षित और स्वच्छ स्त्रोत खोजने की तैयारी चल रही है ताकि हरित ऊर्जा हासिल करते हुए पृथ्वी को हरा भरा रखा जा सके.
कैलिफोर्निया के लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लेबोरेटरी के वैज्ञानिकों ने नेशनल इग्निशन फैसिलिटी में न्यूक्लियर रिएक्शन की सफलता को लगातार दूसरी बार दोहराया है. इससे पहले दिसंबर माह में भी न्यूक्लियर फ्यूजन ऊर्जा तैयार की गई थी.
न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन क्या है?
न्यूक्लियर फ्यूजन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें दो या दो से अधिक हल्की परमाणु नाभिक की टक्कर करवाई जाती है इससे एक भारी नाभिक तैयार होता है. इस प्रक्रिया में बहुत अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है. सूर्य पर भी ऊर्जा पैदा करने में न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन का ही योगदान है. यही कारण है कि इस प्रक्रिया से उर्जा बनाने को आम भाषा में पृथ्वी पर सूर्य को तैयार करना ही कहते हैं.
कितना खतरा है इस ऊर्जा में
इस तरह से तैयार होने वाली एनर्जी भले ही ग्रीन एनर्जी की श्रेणी में आती हो लेकिन इस तकनीक के साथ एक सबसे बड़ी समस्या यह है कि न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन को कंट्रोल करना बेहद मुश्किल होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इस प्रोसेस के लिए बहुत अधिक तापमान और दबाव की आवश्यकता होती है. ऐसे में यदि इस टेक्नोलॉजी को सफलतापूर्वक कंट्रोल करने में वैज्ञानिक सफल हो जाएं वह भी बिना किसी खतरे के तो दुनिया को एक ऐसा ऊर्जा का स्त्रोत मिल सकता है जो कि दूसरे किसी भी ऊर्जा के स्त्रोत पर हमारी निर्भरता को समाप्त कर सकता है.
आपका इस शोध को लेकर क्या विचार है, क्या पृथ्वी पर सूर्य जैसी एनर्जी पैदा करना, और इसके लिए शोध करना प्रयास करना उचित है, क्या इससे मानव सभ्यता को कोई खतरा हो सकता है? अपने विचार हमें कमेंट में अवश्य बताएं. इसके साथ ही यदि आप तकनीक और सोलर से जुड़े विषयों में रुचि रखते हैं तो हमारे साथ सोशल मीडिया पर अवश्य जुड़ें और हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें.
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