भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो की ओर से chandrayaan3 के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के बाद अब सूर्य के रहस्य जानने के लिए आदित्य L1 नाम के मिशन को लांच करने की तैयारी कर ली गई है. इस मिशन के माध्यम से इसरो सूर्य पर होने वाली गतिविधियों की जानकारी एकत्रित करने का प्रयास करेगा. यह भारत का पहला सोलर मिशन होगा.
आदित्य L1 मिशन क्या है?
आदित्य L1 मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. इस मिशन के माध्यम से सूर्य से संबंधित जानकारी एकत्रित करने का प्रयास किया जाएगा. आदित्य L1 को पृथ्वी से 1500000 किलोमीटर दूर "हेलो आर्बिट" में रखा जाएगा. यह एक ऐसा स्थान है जहां पर सूर्य को लगातार निगरानी में रखा जा सकता है यहां पर ग्रहण जैसी किसी भी बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा और निरंतर सूर्य पर होने वाली उथल-पुथल की निगरानी और अध्ययन किया जा सकेगा.
आदित्य L1 मिशन कब लांच किया जाएगा?
इसरो ने अभी आदित्य L1 मिशन की लांचिंग की आधिकारिक रूप से कोई तिथि निर्धारित नहीं की है, लेकिन इसरो की ओर से यह संकेत दिए गए हैं कि आदित्य L1 सूर्य मिशन को सितंबर के पहले सप्ताह में लांच किया जा सकता है.
आदित्य L1 सोलर मिशन का क्या उद्देश्य है
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो की ओर से लांच किए जाने वाले आदित्य L1 स्पेसक्राफ्ट का उद्देश्य वास्तविक समय में सूर्य पर होने वाली गतिविधियों, अंतरिक्ष के मौसम और इसके प्रभाव को जानने का मौका मिलेगा. इस अंतरिक्ष यान में सात पेलोड हैं. जो सूर्य की अलग अलग परतों के बारे में अध्ययन करेंगे.
इसरो वैज्ञानिकों के अनुसार आदित्य L1 मिशन के माध्यम से सूर्य की बाहरी परत यानी कोरोना से विशाल पैमाने पर निकलने वाली ऊर्जा ,उसकी रोशनी, वहां होने वाली रासायनिक गतिविधियों और विशेषताओं अंतरिक्ष के मौसम की गतिशीलता जैसी जानकारी प्राप्त करने में सहायता मिलेगी.
सूर्य का निरीक्षण करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष मिशन का नाम क्या है?
सूर्य का निरीक्षण करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष मिशन का नाम आदित्य L1 है.
सूर्य के अध्ययन के लिए कौन सा मिशन शुरू किया गया है?
सूर्य के अध्ययन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो की ओर से आदित्य L1 नाम की सोलर मिशन को शुरू किया गया है. इस मिशन के अंतर्गत आदित्य L1 स्पेसक्राफ्ट को सितंबर 2023 के पहले सप्ताह में लांच करने की योजना है.
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