Pragyan rover information in hindi | रोवर प्रज्ञान क्या है? | प्रज्ञान को एनर्जी कैसे मिल रही है? 
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के chandrayaan3 मिशन के सक्सेसफुल होने के बाद से हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा है. जैसे ही chandrayaan3 ने चांद की धरती को छुआ था लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी. भारत ही नहीं भारत के धुर विरोधी देश पाकिस्तान की जनता भी भारत की सफलता पर गौरवान्वित है. 
भले ही पाकिस्तान की सरकार हर मौके पर भारत का विरोध करती हो लेकिन पाकिस्तानी नागरिकों ने भारत की सफलता के लिए न केवल भारत को बधाई दी है बल्कि अपने देश की सरकार को इस मामले में घेरा भी है कि वह कभी भी विकासात्मक कार्य नहीं करती.
Pragyan rover information in hindi


फिलहाल आज हम बात करने जा रहे हैं chandrayaan3 के अंदर छुप कर गए प्रज्ञान रोवर के बारे में. जी हां प्रज्ञान ही वह उपकरण है जो चंद्रमा पर शोध कार्य करेगा. दरअसल chandrayaan3 का कार्य प्रज्ञान को चंद्रमा तक पहुंचाना ही था बाकी का जो महत्वपूर्ण कार्य है वह प्रज्ञान को ही करना है.

प्रज्ञान क्या है? | Pragyan rover information in hindi

दोस्तों प्रज्ञान एक ऐसा रोबोट इक्विपमेंट है जिसमें 6 पहियों का प्रयोग किया गया है. यह उबड़ खाबड़ सतह पर भी आसानी से चल सकता है, इस उपकरण में कई कई हाई डेफिनेशन कैमरे और सेंसर लगे हुए हैं. जोकि चंद्रमा पर महत्वपूर्ण जानकारी एकत्रित करने में निपुण है.

प्रज्ञान को एनर्जी कैसे मिल रही है? 

जैसा कि आप जानते ही हैं कि पृथ्वी पर गाड़ियों को चलाने के लिए पेट्रोल डीजल या फिर इलेक्ट्रिक व्हीकल में बैटरी का प्रयोग किया जाता है. प्रज्ञान में भी लिथियम आयन बैटरी लगी हुई है, इन फैक्ट्रियों को चार्जिंग के लिए प्रज्ञान में लगे हुए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है. यानी प्रज्ञान को भी ऊर्जा सोलर एनर्जी से ही मिल रही है. यही कारण है कि जैसे ही प्रज्ञान रोवर का सोलर पैनल सूर्य की रोशनी में आया वैसे ही वह एक्टिव हो गया.

एनर्जी मिलते ही प्रज्ञान ने शुरू किया कार्य | Pragyan rover information in hindi

ब्लेंडर के दरवाजे खुलने के बाद पूरी चंद्रयान 3 की यात्रा के दौरान लेंडर के अंदर आराम कर रहे प्रज्ञान रोवर को जब जगाया गया यानी उसको रैंप के सहारे लेंडर से बाहर निकाला गया तो वह धीरे-धीरे रैंप के सहारे चंद्रमा की धरती पर उतरा. और उसमें लगे सोलर पैनल ने सूर्य से एनर्जी प्राप्त करके बैटरी की चार्जिंग शुरु कर दी.

बैटरी की चार्जिंग होते ही प्रज्ञान पूरी तरह एक्टिवमोड में आ गया उसके कैमरे व सेंसर सक्रिय हो गए और वैज्ञानिक उपकरणों ने अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) को सिग्नल भेजना शुरू कर दिए.

चंद्रमा की धरती पर आधा किलो मीटर तक चहल कदमी करेगा प्रज्ञान

अब अगले 14 दिनों तक प्रज्ञान लैंडर से 500 मीटर की दूरी तक चंद्रमा की धरती पर चहल कदमी करेगा. और चंद्रमा की मिट्टी, वहां पर उपलब्ध धातुओं आदि की सूचनाओं को एकत्रित करेगा और इन सभी सूचनाओं को इसरो कमांड सेंटर में बैठे हुए वैज्ञानिकों को भेजेगा.
इसरो टेलिमेटरी ट्रैकिंग एंड कमांड सेंटर में बैठे वैज्ञानिकों को प्रज्ञान रोवर से सूचनाएं प्राप्त होना शुरू हो चुकी है और वैज्ञानिकों की टीम सूचना को रिकॉर्ड करने में लगी हुई है.

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