Raksha bandhan status in Hindi | रक्षाबंधन की कथा | रक्षाबंधन की कहानी | रक्षाबंधन की शुभकामनाएं | रक्षाबंधन शायरी | Raksha bandhan status image
भाई बहन के प्यार का त्यौहार रक्षाबंधन कल 31 अगस्त 2023 दिन गुरुवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा, हालांकि कई परिवार आज यानी 30 अगस्त 2023 दिन बुधवार को रात 9:00 बजे के बाद भी रक्षाबंधन मनाएंगे.
रक्षाबंधन क्या है? | रक्षाबंधन का इतिहास
हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है रक्षाबंधन. इस त्यौहार को भाई बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है इस दिन बहनें अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर और राखी बांधकर अपने भाई से रक्षा का वचन लेती हैं. भारतीय संस्कृति के अनुसार रक्षाबंधन का त्यौहार प्रत्येक वर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है.
श्रावण महीने अर्थात सावन के महीने में मनाये जाने के कारण इस त्यौहार को श्रावणी या कई स्थानीय भाषाओं में शनीनो भी कहते हैं. रक्षाबंधन में सबसे अधिक महत्व जिस चीज का है उसे कहते हैं राखी यानी "रक्षा सूत्र". हिंदू मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन का संबंध राजा बलि से बताया जाता है जिसके अनुसार इंद्राणी द्वारा निर्मित रक्षा सूत्र को देव गुरु बृहस्पति ने इंद्र के हाथों में बांधते हुए रक्षाबंधन का अभीष्ट श्लोक पड़ा था.
राखी बांधते समय कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए | रक्षाबंधन का अभीष्ट मंत्र
राखी बांधते समय निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करना उत्तम फल देने वाला होता है.
येन बद्धो बली राजा दानवेंद्रो महाबला
तेन त्वाम् अभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल
अर्थात " जिस रक्षा सूत्र से महान शक्तिशाली दानवेंद्र राजा बलि को बांधा गया था उसी सूत्र से मैं तुझे बांधता हूं, हे राखी "रक्षा सूत्र" तुम अडिग रहना और अपने संकल्प से कभी भी विचलित ना होना.
रक्षाबंधन की कथा | रक्षाबंधन की कहानी
स्कंद पुराण, पद्मपुराण और श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार महान दानवीर राजा बलि ने देवताओं को जीतकर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया, ऐसे में राजा बलि का अहंकार चरम पर था. राजा बलि के अहंकार को नष्ट करने के लिए भगवान विष्णु ने वामन का अवतार लिया और वामन वेश में राजा बलि के द्वार पर भिक्षा मांगने पहुंचे.
वामन वेशधारी विष्णु भगवान ने राजा बलि से जब वचन ले लिया कि वह जो भी मांगेंगे वह देंगे. तो भगवान ने राजा बलि से भिक्षा के रूप में तीन पग भूमि मांग ली. राजा बलि ने तत्काल उन्हें तीन पग भूमि देने के लिए हां कर दी क्योंकि राजा बलि ने समझा तीन पग भूमि कौन सी बड़ी बात है.
लेकिन जब भगवान बामन ने अपना विशाल रूप प्रकट किया और दो पग में ही सारा आकाश पाताल और धरती नाप लिया फिर उन्होंने राजा बलि से पूछा कि महाराज दो पग में ही पूरा ब्रहमंड नापा जा चुका है अब बताइए कि तीसरा पग कहां रखूं? क्योंकि अब बाकी सब कुछ तो मेरा हो चुका है. तब राजा बलि ने कहा भगवान आप मेरे सिर पर रख लीजिए और फिर भगवान विष्णु ने राजा बलि को पाताल लोक का राजा बनाकर अजर अमर होने का वरदान दे दिया.
लेकिन भगवान के भक्त और महान दानवीर बलि ने विष्णु भगवान से अपनी भक्ति के बल पर रात दिन अपने सामने ही रहने का वचन भी ले लिया.
भगवान को वामन अवतार के बाद क्षीरसागर में जाना था, लेकिन बलि को वचन देकर वह वही फस गए और पाताल लोक में बलि के पास ही रहने लगे, उधर इस बात से माता लक्ष्मी काफी चिंतित रहने लगी.
माता लक्ष्मी की चिंता को देखकर नारद जी ने उन्हें एक उपाय बताया.
इस उपाय के अनुसार लक्ष्मी जी ने राजा बलि को राखी बांधकर अपना भाई बना लिया और अपने पति यानी भगवान विष्णु को अपने साथ ले गईं, संयोग से उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि थी, तभी से रक्षाबंधन का त्यौहार प्रचलन में है
यही कारण है कि आज भी रक्षाबंधन में राखी बांधते समय या किसी मंगल कार्य में रक्षा सूत्र बांधते समय
"येन बद्धो बली राजा दानवेंद्रो महाबला.
तेन त्वाम् अभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल
का उच्रचारण किया जाता है.
रक्षाबंधन कब मनाएं | रक्षाबंधन को लेकर भ्रम की स्थिति क्यों है | वर्ष 2023 में रक्षाबंधन मुहूर्त कब है | रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त कब है
आपने देखा होगा कि पिछले कुछ दिनों से कई त्योहारों पर भ्रम की स्थिति हो जाती है? क्या आपने सोचा है कि आखिर इसके पीछे का कारण क्या है? तेजी से बढ़ती सोशल मीडिया की पहुंच और उस पर उपस्थित तथाकथित ज्ञानी पंडित जनों द्वारा अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट को प्रमुखता में लाने तथा चर्चा में बने रहने के लिए अपने अपने तथाकथित ज्ञान के बल पर नई नई जानकारियां निरंतर दी जाती रहती हैं.
यही कारण है कि कई हिंदू त्योहारों पर भ्रम की स्थिति बन जाती है, त्यौहार हमेशा से होते रहे हैं और एक ही दिन पहले ही काशी विद्वत परिषद जैसी संस्थाओं की ओर से घोषणा कर दी जाती थी किस दिन यह त्यौहार मनाया जाएगा और बात पक्की हो जाती थी. लेकिन अब हर किसी को अपनी विद्युत सिद्ध करने की आकांक्षा है, भले ही उससे समग्र रूप से धर्म का हित हो या फिर अहित हो.
निश्चित रूप से बार-बार हिंदू त्योहारों को लेकर भ्रम की स्थिति बनना उचित नहीं है, और इसको लेकर विद्वान जनों को विचार करना चाहिए.
वर्ष 2023 में रक्षाबंधन 31 अगस्त को ही मनाया जाना शुभ है और यही कारण है कि देश के अधिकतर भागों में 31 अगस्त 2023 दिन गुरुवार को ही रक्षाबंधन मनाया जाएगा.
रक्षाबंधन की शुभकामनाएं | रक्षाबंधन शायरी | Raksha bandhan status in Hindi
रक्षाबंधन के अवसर पर यदि आप भी अपने भाई और बहन को शुभकामनाएं देना चाहते हैं, तो हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसी इमेज और शानदार रक्षाबंधन की शुभकामनाएं जिन्हें आप अपने व्हाट्सएप और सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से शेयर कर सकते हैं.
प्यारी दीदी, आपके हँसते हुए चेहरे ने हमेशा मुझे जीवन खुल के जीने की प्रेरणा दी है। आप हमेशा यूँ ही हँसते रहो और जीवन मैं खूब तरक्की करो यही ईश्वर से मेरी कामना है, रक्षा बंधन की बहुत-बहुत बधाई।
एक टिप्पणी भेजें