भारत घरेलू विंड टरबाइन का उत्पादन हब बनने जा रहा है, ऐसी विंड टरबाइन जल्द ही बाजार में आने वाली हैं जो सामान्य घरों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करा सकेंगी, साथ ही कीमत के मामले में भी सोलर सिस्टम के समकक्ष या फिर सोलर से सस्ती होंगी. भारत के साथ-साथ दुनिया भर की विंड एनर्जी टरबाइन बनाने वाली कंपनियां भारत में घरेलू विंड टरबाइन का एक बड़ा बाजार देख रही हैं.
भारत अगले 5 वर्षों में रिन्यूएबल एनर्जी का सबसे बड़ा केंद्र बनने जा रहा है. जैसा कि आप जानते ही हैं कि वर्तमान में रिन्यूएबल एनर्जी के मामले में चीन नंबर एक पर है, लेकिन जल्द ही भारत इस मामले में ग्लोबल लीडर बन सकता है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के अनुसार कुछ ही वर्षों में भारत सौर ऊर्जा उपकरण आयात नहीं बल्कि निर्यात करने वाला देश बन जाएगा. ज्ञातव्य हो कि वर्तमान में भारत की रिन्यूएबल एनर्जी इंडस्ट्री सोलर पैनलों व अन्य नवीकरणीय ऊर्जा के उपकरणों में प्रयोग होने वाले कल पुर्ज़ों के लिए काफी हद तक चाइना और दूसरे देशों पर निर्भर करती है.
लेकिन जल्द ही भारत न केवल सोलर पैनल, बैटरी, इलेक्ट्रिक वाहन आदि क्षेत्रों में तेजी से ग्लोबल लीडर बनने की ओर अग्रसर है. विंड एनर्जी के मामले में भी तेजी से प्रगति कर रहा है. दुनिया भर की बड़ी कंपनियां चीन से हटकर अब भारत को अपना मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने पर काम कर रही हैं.
प्रमुख औद्योगिक संगठनों की एक नई रिपोर्ट के अनुसार भारत ने वैश्विक पवन ऊर्जा निर्यात केंद्र बनने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. ग्लोबल विंड एनर्जी संगठन द्वारा जारी की गई एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ऐसा देश है जो कि अगले 5 वर्षों के अंदर 1.7 गीगावॉट तक नई पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित कर सकता है. साल 2027 तक भारत की कुल विंड एनर्जी कैपेसिटी 60.3 गुना तक बढ़ सकती है
भारत में विंड एनर्जी सिस्टम की स्थिति
भारत में पहले से ही पूरी दुनिया में विंड एनर्जी के लिए बनने वाले ब्लेड उत्पादन का 11 प्रतिशत हिस्सा तैयार हो रहा है. इसके साथ ही विंड एनर्जी में प्रयोग होने वाले टावरों और गियर बॉक्स का 7 से 12 फीसदी हिस्सा भारत में ही निर्मित होता है. अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी प्रमुख देशों की कई बड़ी कंपनियां चीन से अलग हटकर अपने निर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए भारत को प्राथमिकता दे रही हैं.
घरेलू विंड एनर्जी सिस्टम
भारत में सौर ऊर्जा की तरह घरेलू स्तर पर विंड टरबाइन को बढ़ावा देने पर काफी जोर दिया जा रहा है. विंड एनर्जी क्षेत्र की कंपनियों का मानना है सोलर के साथ कुछ समस्याओं को देखते हुए विंड एनर्जी उपकरणों को यदि घरेलू प्रयोग के लिए तैयार किया जाए तो भारत में एक बड़ा बाजार मिल सकता है.
घर के लिए विंड एनर्जी सिस्टम | घरेलु विंड एनर्जी सिस्टम की कीमत
भारत के साथ-साथ दुनिया की कई ऐसी कंपनियां हैं जो कि घरेलू स्तर पर विंड टरबाइन का निर्माण करती है. विंड एनर्जी की कीमत सोलर सिस्टम के बराबर या फिर उससे कुछ कम रखी जा रही है, ताकि अधिक से अधिक लोग विंड एनर्जी को अपना सकें, साथ ही कंपनी का व्यापार भी तेजी से बढ़ सके.
भारत में 1kw पवन टरबाइन कीमत
भारत में वर्तमान में 1 किलोवाट के विंड एनर्जी सिस्टम की कीमत 55000 रूपये के आस पास है, जो की सोलर से सिस्टम से काफी सस्ता है.
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