चीन की सोलर कम्पनियों ने भारत में माल खपाने को चुना नया रास्ता | बैकडोर से भारत में आ रहे है चाइनीज़ सोलर पैनल | सोलर असोसिएशन ने लगाई गुहार | china solar panel in india

भारत में सोलर पैनल के निर्माण को प्राथमिकता देने के लिए सरकार की ओर से पिछले दिनों चीन से सोलर पैनल व सोलर पैनल के सहायक उपकरणों के आयात पर 40 फ़ीसदी टैक्स लगा दिया गया था. सरकार की कोशिश थी कि चीन से सोलर सेल्स व सोलर पैनल के आयात पर प्रतिबंध लगने से घरेलू स्तर पर निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा.


सरकार की इस योजना को काफी हद तक सफलता भी मिली लेकिन सोलर एसोसिएशन ने जो दावा किया है वह चौंकाने वाला है. दरअसल भारत ने दक्षिण पूर्व के कुछ एशियाई देशों से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किया हुआ है इस एग्रीमेंट के आधार पर इन देशों से सोलर आयात पिछले 2 से 3 महीने में लगभग 50 फ़ीसदी बढ़ गया है.

सूत्रों का दावा है कि चीन की कंपनियां ही इन देशों के माध्यम से भारत में अपने माल को खपा रही हैं. जाहिर सी बात है चाइना की कंपनियां बैक डोर से भारत में अपने उत्पाद को एंट्री करा रही हैं.

हालांकि सरकार के प्रयासों से भारत में सोलर पैनल और सोलर सेल के निर्माण को भी काफी गति मिली है. लेकिन FTA वाले देशों से तेजी से बढ़ा यह आयात चौंकाने वाला है.

सोलर निर्माताओं की ओर से सरकार से इस पर ध्यान देने की अपील की गई है, उनका कहना है कि इन देशों के माध्यम से तेजी से बढ़ रहे आयात से उनका व्यापार प्रभावित हो सकता है.

सोलर एसोसिएशन की ओर से दिए गए प्रस्ताव के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक सोलर निर्माता कंपनियों को आसानी से लोन उपलब्ध कराने के लिए नए नियम बनाने पर विचार कर रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक अब सोलर मैन्युफैक्चरिंग को प्राइवेट सेक्टर लेंडिंग ब्रैकेट में शामिल करने पर विचार कर रहा है. मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार आरबीआई इस पर अगले 2 से 3 महीने में निर्णय ले सकता है.

सोलर एसोसिएशन से जुड़े सभी हितधारकों के साथ चर्चा के बाद भारतीय रिजर्व बैंक में इस बात पर सहमति बनी है कि बैंकों में सोलर पैनल मैन्युफैक्चरर को प्राथमिकता सेक्टर का टैग प्रदान किया जाए. इतना ही नहीं रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्ट्री भी इस सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम में भी बदलाव करने पर विचार कर रही है.

ज्ञात हो कि पिछले 2 महीने में वित्त मंत्रालय तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से जुड़े अधिकारी और बैंकों के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं. इन बैठकों में सोलर एसोसिएशन की ओर से दिए गए प्रस्तावों पर चर्चा की गई तथा सोलर सेक्टर की कंपनियों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिए बैंकर्स के साथ चर्चा की गई.
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