Holkar Cricket Stadium to run on solar power | होलकर स्टेडियम बना सोलर स्टेडियम, भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच से पहले हुआ सोलर प्लांट का उद्घाटन अपनी बिजली खुद बनाएगा
देश के सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा हासिल करने वाले इंदौर का होलकर स्टेडियम इस समय चर्चा में है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले क्रिकेट से पहले यहां 376 सोलर पैनल वाले एक सोलर प्लांट का शुभारंभ किया गया है. ऐसे में अब होलकर स्टेडियम सोलर स्टेडियम बन चुका है यह स्टेडियम अपनी जरूरत की बिजली खुद तैयार करेगा.
जीरो वेस्ट स्टेडियम का दर्जा प्राप्त है होलकर स्टेडियम को
ज्ञात भी हो कि देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर का होलकर स्टेडियम जीरो वेस्ट स्टेडियम के रूप में भी जाना जाता है. क्योंकि इस स्टेडियम में होने वाले इवेंट के दौरान किसी भी प्रकार का कचरा नहीं निकलता. दरअसल यहां ऐसी व्यवस्था की गई है कि इवेंट के दौरान पैदा होने वाले सभी कचरे को रिसाइकल कर लिया जाता है.
अपनी जरूरत की बिजली खुद बनाएगा होलकर स्टेडियम
जीरो वेस्ट स्टेडियम के रूप में चर्चित होलकर स्टेडियम अब अपनी आवश्यकता की बिजली का निर्माण भी स्वयं करेगा. इसके लिए स्टेडियम की छत पर 200 किलो वाट क्षमता के सोलर पैनल की स्थापना की गई है. इन सोलर पैनलों के माध्यम से स्टेडियम को प्रतिदिन 800 से लेकर 1000 यूनिट तक बिजली प्राप्त होगी. इतना ही नहीं जब स्टेडियम में इस बिजली का प्रयोग नहीं होगा तो अतिरिक्त बिजली को ग्रिड को बेच दी जाएगी.
कचरे का करते हैं सदुपयोग, पोस्टरों से बनाते हैं बैग
इस स्टेडियम में होने वाले इवेंट के दौरान निकलने वाले कचरे से बायो कंपोस्ट खाद तैयार कर ली जाती है. इतना ही नहीं इस स्टेडियम में मैच के दौरान फ्लेक्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि इसके स्थान पर कपड़े से बने हुए पोस्टर लगाए जाते हैं. मैच समाप्त होने के बाद कपड़े के पोस्टर और बैनरों से थैले बनाकर लोगों में बांट दिए जाते हैं.
वाटर लेवल बढ़ाने में भी स्टेडियम ने दिया है योगदान
स्टेडियम में भूजल के रिचार्ज के लिए भी व्यवस्था की गई है यहां रिवर्स बोरिंग कराई गई है जिससे वर्षा का जल भूगर्भ में आसानी से जा सके. बारिश के पानी को सीधे जमीन में उतरने की व्यवस्था के कारण स्टेडियम के आसपास के पूरे क्षेत्र में भूगर्भी जलस्तर तेजी से बड़ा है. यहां की बोरिंग कभी भी नहीं सूखते.
मध्य प्रदेश क्रिकेट संगठन का कहना है की खेल के साथ-साथ हम पर्यावरण संरक्षण के लिए भी पूरी तरह जिम्मेदार है और अपनी तरफ से पूरा प्रयास करते हैं कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए जो भी हमसे बन पड़े वह करें.
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