बड़ी खबर | India name change to Bharat news | इंडिया नहीं अब कहिए भारत, बदल गया देश का नाम
अगर आप भी अभी तक कई जगह इंडिया लिखने और इंडिया कहने के आदी है, तो अब इस आदत को सुधार लीजिए क्योंकि देश का नाम अब सिर्फ भारत होगा, मोदी सरकार का मानना है कि इंडिया शब्द गुलामी का प्रतीक है इसलिए इसे हटाया जाएगा और अब देश को भारत नाम से ही जाना जाएगा. तो क्या मोदी सरकार 18 सितंबर से बुलाए गए संसद के विशेष सत्र में देश के नाम को बदलने के लिए विधेयक ला सकती है?
कम से कम राष्ट्रपति द्वारा G20 नेताओं के लिए दिए गए रात्रिभोज के आमंत्रण पत्र को देखकर ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं. पारंपरिक रूप से राष्ट्रपति की ओर से भेजे जाने वाले पत्रों में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया लिखा होता था. लेकिन इस बार जी20 नेताओं को दिए गए डिनर के आमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है.
ऐसे में देश का नाम बदलने को लेकर चर्चाएं जोरों पर शुरू हो गई हैं, इसी के साथ शुरू हो गया है राजनीतिक तूफान भी. विपक्षी दलों का आरोप है कि उनके गठबंधन का नाम इंडिया रखने से तिलमिलाई भाजपा सरकार देश का नाम ही बदलने पर उतारू हो गई है.
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा विपक्षी गठबंधन के इंडिया नाम रखने से परेशान मोदी सरकार ने देश का नाम भारत करने का फैसला लिया है, ऐसे में हम भी अपने गठबंधन का नाम भारत रखने पर विचार कर सकते हैं.
वास्तव में क्या है देश का नाम इंडिया या भारत
अगर आपके सामने भी यह सवाल है और आप यह जानना चाहते हैं कि वास्तव में हमारे देश का नाम इंडिया है या भारत या फिर देश को इंडिया नाम कैसे मिला तो चलिए आज हम इस पर चर्चा करते हैं.
देश के 2 नाम कैसे पड़े | भारत को इंडिया नाम कैसे मिला
जब 1947 में हमारे देश को आजादी मिली तो संविधान का निर्माण करने के लिए एक संविधान सभा का गठन किया गया. संविधान सभा के गठन के समय देश के नाम को लेकर काफी विचार विमर्श हुआ. दिन था 18 नवंबर 1949. चर्चा की शुरुआत संविधान सभा के सदस्य एचवी कामत ने की उन्होंने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर समिति की उस मसौदे पर अपनी आपत्ति दर्ज की जिसमें देश के 2 नाम इंडिया और भारत सुझाए गए थे.
कामथ ने अनुच्छेद वन में संशोधन का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि देश का एक ही नाम होना चाहिए कामत ने हिंदुस्तान, हिंद, भारत भूमि और भारतवर्षीय जैसे नाम रखने का सुझाव दिया.
महात्मा गाँधी ने भी किया था भारत नाम का समर्थन
देश के 2 नाम रखने खासकर इंडिया नाम को लेकर आपत्ति कई दूसरे लोगों ने भी जताई जिनमें सेठ गोविंद दास, संविधान सभा के सदस्य केवी राव, बीएम गुप्ता, श्री राम सहाय, कमलापति त्रिपाठी और हर गोविंद पंत जैसे सदस्य भी शामिल थे. इन सभी लोगों ने देश का नाम सिर्फ भारत रखे जाने का समर्थन किया और अपने समर्थन में कहा कि महात्मा गांधी ने भारत माता की जय के साथ देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण होने वाले आंदोलनों की शुरुआत की थी ऐसे में देश का नाम भारत ही रखा जाना चाहिए.
बेकार रही बहस आखिर हो ही गए 2 नाम
संविधान सभा के कई सदस्यों के देश के 2 नाम रखने के विरोध करने और सिर्फ भारत नाम रखने के समर्थन करने के बावजूद भी इस पूरी बहस का कोई खास परिणाम नहीं निकला. आखिर में अनुच्छेद 1 बरकरार रहा और इस तरह से "इंडिया दैट इज भारत" बना रहा.
क्या बदला जा सकता है देश का नाम? कैसे हट सकता है इंडिया
संविधान के अनुच्छेद 1 के अनुसार इंडिया और भारत दोनों को मान्यता प्राप्त है. ऐसे में अगर केंद्र सरकार देश का नाम सिर्फ भारत करना चाहती है तो उसे अनुच्छेद 1 में संशोधन करने के लिए बिल लाना होगा.
क्या संविधान के अनुसार देश का नाम बदला जा सकता है
संविधान के अनुच्छेद 368 के अनुसार संविधान में संशोधन करने की अनुमति दी जा सकती है, संविधान में संशोधन बहुमत यानी 50% बहुमत के आधार पर हो सकता हैं, वहीं कुछ संशोधन ऐसे हैं जिनके लिए कम से कम दो तिहाई सदस्यों यानी 66% बहुमत की आवश्यकता होती है
लोकसभा में वर्तमान समय में कुल 539 सांसद हैं, इसलिए अनुच्छेद 1 में संशोधन के बिल को पास करने के लिए 356 सांसदों का समर्थन चाहिए/ इसी तरह राज्यसभा में वर्तमान में 238 सांसद हैं राज्यसभा से देश के नाम संशोधन करने की बिल को पास कराने के लिए 157 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी/
इससे पहले भी उठी है देश का नाम बदलने की मांग
ज्ञातव्य हो कि देश का नाम सिर्फ भारत करने और इंडिया शब्द हटाने की मांग इससे पहले भी कई बार उठाई जा चुकी है. वर्ष 2010 और 2012 में कांग्रेस के ही सांसद शांताराम नाइक ने दो प्राइवेट बिल पेश करते हुए संविधान से इंडिया शब्द हटाने का प्रस्ताव रखा था. हालांकि उनके इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया.
योगी आदित्यनाथ ने भी रखा था नाम बदलने का प्रस्ताव
वर्ष 2015 में योगी आदित्यनाथ ने भी प्राइवेट बिल पेश किया जिसमें उन्होंने संविधान में "इंडिया दैट इज भारत" की जगह "इंडिया दैट इज हिंदुस्तान" करने का प्रस्ताव रखा लेकिन इस प्रस्ताव को भी स्वीकार नहीं किया जा सका.
इंडिया नाम हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
देश के नाम से इंडिया हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका प्रस्तुत की जा चुकी है. मार्च 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने देश का नाम इंडिया की जगह सिर्फ भारत का मांग रखने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया था. उस समय के मुख्य न्यायाधीश पीएस ठाकुर ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि भारत और इंडिया दोनों ही नामों को संविधान मान्यता देता है. आपको अगर भारत पसंद है तो आप भारत बुला सकते हैं अगर कोई इंडिया कहना चाहता है तो उसे इंडिया कहने का अधिकार है.
इंडिया या भारत कैसे शुरू हुई बवाल की शुरुआत
दरअसल केंद्र सरकार के कई कदमों से देश का नाम बदले जाने की सुगबुगाहट को बल मिल रहा था. लेकिन G20 सम्मेलन के डिनर कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में राष्ट्रपति को प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की बजाय प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखने से राजनीतिक बवाल शुरू हो गया.
जहां भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने इस पर प्रसन्नता जाहिर की और प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखे हुए इस आमंत्रण पत्र को सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू कर दिया, वहीं कई ऐसे भी नेता हैं जिन्होंने स्वयं ही देश का नाम बदले जाने की शुरुआत किए जाने की घोषणा करते हुए रिपब्लिक भारत नाम से X Post करने शुरू कर दिए.
इस आमंत्रण पत्र को लेकर शुरू हुआ बवाल | प्रेसिडेंट ऑफ भारत G20 इनविटेशन
भारतीय राष्ट्रपति की ओर से आमतौर पर ऐसे समारोहों में जो आमंत्रण पत्र भेजा जाता है उसमें अभी तक प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया लिखा जाता रहा है. लेकिन G20 अतिथियों के लिए दिए जा रहे रात्रिभोज में जो पत्र भेजा गया है उसमें प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भेजे गए ऐसे ही एक पत्र की प्रति सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है. इस पत्र के आधार पर ही यह चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि देश का नाम बदलकर भारत किया जाएगा और इंडिया शब्द को संविधान से हटा दिया जाएगा.
प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत लिखा हुआ एक अन्य आसियान सम्मिट का डॉक्यूमेंट भी सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए, इन चर्चाओं को बल दिया है.
‘The Prime Minister Of Bharat’ pic.twitter.com/lHozUHSoC4
— Sambit Patra (@sambitswaraj) September 5, 2023
इंडिया या भारत आपको क्या है पसंद
क्या आपको भारत नाम पसंद है, या फिर आप देश का नाम जैसा कि अभी है इंडिया और भारत दोनों ही पसंद करते हैं. आपका इसे लेकर क्या विचार है कमेंट करके अवश्य बताएं.
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