फ्री में बिजली बनाने वाली मशीन | अब सोलर पैनल, इन्वर्टर बैटरी की जरुरत ही नहीं | आवारा जानवरों से भी मिलेगी मुक्ति | Nandi Rath- free me bijli banane wali machine
सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने निकाला बिजली बनाने का सबसे सस्ता तरीका, न सोलर की जरूरत न बिजली कनेक्शन की, दिन रात मिलेगी बिजली
दोस्तों, बिजली का बिल दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है, वहीं सोलर लगवाना भी हर किसी के लिये संभव नहीं होता, क्यों कि सोलर के लिये एकमुश्त बड़ी राशि की आवश्यकता होती है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे तरीके के बारे में जिसमें आपको बिना सोलर लगाये बिजली के बिल से मुक्ति मिल जायेगी।
इतना ही नहीं जो तरीका आज हम आपको बताने जा रहे हैं उसमें आपको सोलर सिस्टम की तरह सोलर पैनल, बैट्री, इंस्टालेशन जैसे खर्चें करने की भी कोई जरूरत नहीं है, बादल हों या हो घना कोहरा आपको 24 घंटे बिजली मिलती रहेगी।
Nandi rath by shailendra singh
उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में डिप्टी एसपी पद पर सेवायें दे चुके शैलेन्द्र सिंह का नाम शायद आपने सुना होगा, दरअसल वह तब सुर्खियों में आये थे जब उन्होंने बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ कार्यवाही शुरू की। हालांकि राजनीतिज्ञों को उनकी यह कार्यवाही रास नहीं आयी और भारी राजनीतिक दबाब के चलते शैलेन्द्र सिंह को वर्ष 2004 में नौकरी से इस्तीफा देना पड़ा।
Nandi rath shailendra singh
फिलहाल वह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुछ ऐसा कर रहे हैं जो सामाजिक बदलाव की एक नयी इबारत लिख सकता है। जी हां, वह लखनऊ में एक विशेष गोफार्म का संचालन कर रहे हैं। उनके इस फार्म में सैकड़ों गायें और नंदी रहते हैं। इसके साथ ही वह लखनऊ में लूलू माॅल के पास के आॅर्गेनिक भोजन उपलब्ध कराने वाले रेस्टोरेंट का भी सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं।
पर आज हम बात करने जा रहे हैं शैलेन्द्र सिंह के द्वारा किये गये एक ऐसे इनोवेशन के बारे में जिसे देश में लाखों लोग पसंद कर रहे हैं और सराह रहे हैं।
गाय और नंदी से बना रहे बिजली । नंदी रथ का कमाल
दरअसल शैलेन्द्र सिंह ने नंदी रथ नाम के एक ऐसे उपकरण का आविश्कार किया है, जो नंदी यानी बैल के माध्यम से बिजली बनाता है, इतना ही नहीं इस उपकरण में बिजली बनाने के लिये गाय का भी प्रयोग किया जा सकता है। जाहिर सी बात है जब देश के ज्यादातर हिस्सों खासकर उत्तर प्रदेश में आवारा गायों से आम जनता से लेकर सरकार तक परेशान हो, ऐसे में शैलेन्द्र सिंह यह इनोवेशन उम्मीद की एक नयी किरण दिखाता है।
इंसानों के चलने से भी बन सकती है बिजली
शैलेन्द्र सिंह के बनाये इस उपकरण पर इंसानों के चलने से भी बिजली उत्पन्न हो सकती है। आप सभी ने अक्सर व्यायाम करते समय जिम में या फिर अपने घर पर ट्रेड मिल का प्रयोग तो किया ही होगा। जैसे आप ट्रेड मिल पर दौड़ते हैं वैसे ही जब आप इस मशीन पर दौड़ेंगे तो आपको स्वास्थ्य लाभ तो होगा ही साथ में मुफ्त की बिजली भी मिलेगी।
क्या है नंदी रथ । नंदी रथ क्या है । नंदी रथ कैसे काम करता है?
न्ंदी रथ ट्रैक्टर ट्राॅली नुमा एक उपकरण है, जिसमें विशेष प्रकार की कन्वीनर बेल्ट लगायी गयी है, इसमें जब गाय या बैल चलता है तो यह बेल्ट घूमती है, वही इस पर खुद भी चल सकते हैं, जैसे ही यह घूमना शुरू करती है, वैसे ही इस उपकरण में लगे गेयर बाॅक्स के माध्यम से अल्टीनेटर घूमने लगता है और तुरंत ही बिजली का उत्पादन शुरू हो जाता है।
सोलर से भी बेहद सस्ता है नंदी रथ से बिजली बनाना
सोलर से प्रति यूनिट बिजली कीमत आमतौर पर 2 से 3 रुपये के बीच में पड़ती है, जबकि नंदी रथ से बिजली बनाने की कीमत 1 रुपये प्रति यूनिट से लेकर 1.5 रुपये प्रति यूनिट तक ही पड़ती है। जाहिर सी बात है नंदी रथ से बिजली बनाना सोलर की अपेक्षा काफी सस्ता है। नंदी रथ को बनाने वाले शैलेन्द्र सिंह का कहना है कि किसानों के लिये बिजली बनाने की यह लागत और भी कम हो सकती है, क्यों कि उनके पास चारा तो खुद के खेतों का होता है।
सोलर या नंदी रथ किसका मेंटीनेंस ज्यादा है?
कई लोगों का कहना है कि सोलर में कुछ भी मेंटीनेंस नहीं होता है, जबकि नंदी रथ में बैलों या गाय का मेंटीनेंस करना होता है?
इस सवाल के जबाब में शैलेन्द्र सिंह कहते हैं कि यदि आपके घर पर गाय पली है, तो आप उसको खिलाते पिलाते तो हैं ही, अब उससे आप बिजली भी बना लेंगे तो यह आपके लिये अतिरिक्त आमदनी भी हो जायेगी और गाय का भी व्यायाम हो जायेगा।
एक मेगावाॅट सोलर V/s एक मेगावाॅट नंदी रथ बिजली उत्पादन प्लांट
बड़े स्तर पर बिजली उत्पादन के लिये नंदी रथ कितना सफल है, और व्यावसायिक स्तर पर भी क्या इसका प्रयोग किया जा सकता है?
इस प्रश्न के जबाब में शैलेन्द्र सिंह सोलर से नंदी रथ की तुलना करते हुये बताते हैं, कि जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे कि 1 मेगावाॅट सोलर प्लांट की कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये होती है। साथ ही उसके लिये लगभग 2 एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है।
जबकि नंदी रथ से यदि एक मेगावाॅट की बिजली बनानी है तो इसके लिये सिर्फ एक एकड़ जगह की आवश्यकता पड़ेगी। जबकि लागत लगभग इसमें भी 5 करोड़ के आस पास ही आयेगी। अब बात करते हैं बिजली उत्पादन की।
एक मेगावाॅट सोलर प्लांट प्रतिदिन कितनी बिजली बनाता है?
दोस्तों एक मेगावाॅट का सोलर प्लांट प्रतिदिन 4 से 5 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन करता है। जबकि नंदी रथ प्रतिदिन 8 से 10 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन कर सकता है। ऐसा इसलिये है कि सोलर का उत्पादन मौसम, बादल, कोहरे आदि के समय प्रभावित होता है, रात में सोलर से बिजली नहीं बन सकती, जबकि नंदी रथ से 24 घंटे किसी भी मौसम में बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।
नंदी रथ से बिजली कैसे बनती है?
नंदी रथ में विशेष प्रकार की कन्वीनर बेल्ट लगायी गयी है, इसमें जब गाय या बैल चलता है तो यह बेल्ट घूमती है, इसके बाद इस उपकरण में लगे गेयर बाॅक्स के माध्यम से अल्टीनेटर घूमने लगता है और बिजली का उत्पादन शुरू हो जाता है।
नंदी रथ के लिये कितनी जगह चाहिये?
नंदी रथ के लिये बहुत अधिक जगह की आवश्यकता नहीं होता है, नंदी रथ को महज 100 से 150 वर्ग फिट जगह पर लगाया जा सकता है।
नंदी रथ की कीमत क्या है?
नंदी रथ को बनाने वाले शैलेन्द्र सिंह के अनुसार नंदी रथ की वर्तमान लागत 1 से 1.5 लाख रुपये तक आ रही है, लेकिन सरकार की ओर से इस पर जल्द ही सब्सिडी प्रदान करने की पूरी संभावना है, जिसके बाद कीमत घटकर 50 हजार रुपये के आस पास रहने की संभावना है।
Nandi rath shailendra singh contact number
आशा है आपको जानकारी पसंद आयी होेगी, यदि आप इस नंदी रथ को बनाने वाले शैलेन्द्र सिंह जी से कुछ पूछना चाहते हैं, या फिर उनका साक्षात्कार पढ़ना या फिर हमारे यूट्यूब चैनल पर देखना चाहते हैं तो हमें कमेंट करके अवश्य बतायें।
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