New solar panel technology 2023 | सस्ता होंगे सोलर पैनल | ब्रिटेन की कंपनी ने सोलर पैनल बनाने की नई तकनीक विकसित की, इसी वर्ष भारत आ जाएगी यह तकनीक
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की G20 यात्रा के दौरान भारत यात्रा में भारत के प्रति उनका लगाव साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ब्रिटेन और भारत की व्यवसायिक संबंधों को लेकर हुई बातचीत रंग लाने लगी है. ज्ञातव्य हो कि G20 समिट के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को लेकर वार्तालाप हुआ था.
गैस रिकवरी एंड रीसायकल लिमिटेड (GR2L) को मिला ऑर्डर
दोनों देशों के बीच व्यापार साझेदारी बढ़ाने के इसी क्रम में ब्रिटेन की एक छोटी और नई कंपनी गैस रिकवरी एंड रीसाइकिल लिमिटेड (GR2L) को भारत में सोलर सेक्टर का बड़ा ऑर्डर मिला है. इस आर्डर के तहत ब्रिटेन की यह कंपनी गुजरात के मुद्रा में 2 गीगा वाट सोलर पैनल लगाने के लिए टेक्नोलॉजी की सप्लाई करेगी.
ब्रिटेन की इस कंपनी ने डेवलप की है सोलर की नई तकनीक
ब्रिटेन की इस कंपनी का दावा है कि उसने सोलर पैनल के लिए एक नई टेक्नोलॉजी का डेवलपमेंट किया है. इस टेक्नॉलजी की मदद से सोलर पैनल्स में ऊर्जा की खपत, कार्बन फुटप्रिंट और उत्पादन के खर्च में काफी कमी आएगी.
ब्रिटेन सरकार ने की आर्डर पाने में मदद
भारत से सोलर सेक्टर के इस ऑर्डर को पाने के लिए ब्रिटेन सरकार की निर्यात क्रेडिट एजेंसी यूके एक्सपोर्ट फाइनेंस ने मदद की और कंपनी के बांड के बदले 475000 पौंड की गारंटी जारी की. इस गारंटी की मदद से ही कंपनी को भारत का यह ऑर्डर मिला है.
सोलर पैनल की नई तकनीक क्या है
कंपनी द्वारा विकसित की गई इस नई टेक्नोलॉजी में सोलर पैनल बनाने के लिए ऐरोगैन गैस का इस्तेमाल किया जाता है. ऐरोगैन गैस का इस्तेमाल कर सेलकॉन के क्रिस्टल्स को साफ किया जाता है इन क्रिस्टल से बने सेल को सोलर पैनल में इस्तेमाल किया जाता है. सिलिकॉन क्रिस्टल साफ किए जाने की प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में ऐरोगैन गैस की आवश्यकता होती है.
सोलर की नई टेक्नोलॉजी का क्या फायदा होगा
कंपनी का दावा है कि उनके द्वारा विकसित की गई इस नई टेक्नोलॉजी में ऐरोगैन मशीनरी सोलर सेल्स का उत्पादन भी करती है साथ ही माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्शन, 3D मेटल प्रिंटिंग और एयरोस्पेस ट्रीटमेंट भी करती है. इससे और ऐरोगैन गैस का भी 95% तक रिसाइकल होता रहता है.
अब कंपनी अपनी इस तकनीक को मुंद्रा सोलर टेक्नोलॉजी लिमिटेड को सप्लाई करेगी जो गुजरात के मुद्रा में बहुत बड़ा सोलर पावर प्लांट लगाने जा रही है. कंपनी ने मीडिया को जानकारी दी है कि वर्ष 2023 के अंत तक सभी मशीनरी की सप्लाई भारत को कर दी जाएगी.
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