सोलर पैनलों को सस्ता करेगी सरकार | कैसे आम आदमी की पहुंच में हो सोलर, इस पर विचार करेंगे दुनिया भर के 163 देश | International solar alliance 2023
सोलर एनर्जी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहे हैं. सरकार की ओर से सोलर पैनल लगवाने के लिए सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है, इसके बावजूद सोलर की पहुंच अभी भी आम लोगों और गरीबों तक काफी कम है. सोलर पैनल लगवाने के मामले में उच्च मध्यवर्गीय और बड़े व्यावसायिक परिवार ही आगे है. यह स्थिति सिर्फ भारत की ही नहीं है दुनिया के ज्यादातर देश में सोलर पैनल गरीब और निम्न मध्यवर्गी लोगों तक अपनी पहुंच नहीं बना सके हैं.
आम आदमी तक कैसे पहुंचे सोलर विचार करेंगे 163 देश
आम आदमी तक सोलर कैसे पहुंचे इसके लिए क्या रणनीति बनाई जाए इस पर विचार करने के लिए दुनिया भर के 163 से ज्यादा देश 30 अक्टूबर से भारत में शुरू हो रहे इंटरनेशनल सोलर अलायंस में आ रहे हैं.
30 अक्टूबर से शुरू होगा इंटरनेशनल सोलर अलायंस
ज्ञातव्य हो कि भारत इस समय इंटरनेशनल सोलर अलायंस की अध्यक्षता कर रहा है, यही कारण है कि जी-20 के बाद एक बार फिर भारत में दुनिया भर के देशों का जमावड़ा होने वाला है. इंटरनेशनल सोलर अलायंस में शामिल 193 देश में से 163 देशों ने अभी तक भारत में 30 अक्टूबर से शुरू होने जा रही एलायंस की बैठक में शामिल होने की सहमति प्रदान कर दी है. संभावना है की बैठक के अंतिम समय तक कुछ और देश भी भारत आने पर सहमत हो सकते हैं.
क्या है इंटरनेशनल सोलर अलायंस
इंटरनेशनल सोलर अलायंस 193 देशों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो सौर ऊर्जा को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने पर काम करता है, वर्तमान में इंटरनेशनल सोलर अलायंस की अध्यक्षता भारत के पास है. केंद्रीय मंत्री आर के सिंह इंटरनेशनल सोलर अलायंस की बैठक में दुनिया भर के देशों से आने वाले प्रतिनिधियों की मेजबानी करेंगे.
सोलर एनर्जी को लेकर सरकार का क्या लक्ष्य है
भारत सरकार ने वर्ष 2030 तक सोलर एनर्जी के माध्यम से 500 गीगावॉट एनर्जी उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र दोनों तरफ से ही निवेश किया जा रहा है. दरअसल सरकार सोलर एनर्जी और दूसरे नवीकरणीय ऊर्जा साधनों का प्रयोग करके देश में पारंपरिक ऊर्जा स्रोत डीजल पेट्रोलियम कोयल जैसे प्रदूषण फैलाने वाले साधनों की खपत को कम से कम करना चाहती है.
ग्रीन हाइड्रोजन के लिए भी निर्धारित किया लक्ष्य
इसी कारण ने सरकार की ओर से 2030 तक भारत में 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है, कई कंपनियों की ओर से भारत में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के संयंत्र स्थापित करने पर काम किया जा रहा है. जिसमें देसी और विदेशी दोनों ही कंपनियां शामिल है.
सोलर एनर्जी को आम आदमी की पहुंच में लाने के लिए किया जाएगा प्रयास
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा की दुनिया भर के विकासशील देशों में अभी भी सोलर एनर्जी निम्न मध्यवर्गीय और गरीब लोगों की पहुंच में नहीं है ऐसे में इंटरनेशनल सोलर अलायंस में इस बात पर चर्चा की जाएगी कि सौर ऊर्जा की तकनीक को आम लोगों की पहुंच में लाया जाए जिससे कि कार्बन उत्सर्जन को काम किया जा सके और लोगों को पर्यावरण अनुकूल ग्रीन एनर्जी के प्रति अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जा सके.
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