भारत सरकार की ओर से सोलर पैनलों को लेकर नए नियम लागू किए गए हैं, केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि अब सरकार सोलर पैनल निर्माता कंपनियों को किसी भी पुराने डिवाइस या टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगी. सोलर पैनल निर्माता कंपनी को अपने पैनलों में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना होगा, इसके साथ ही किसी भी हालत में सोलर पैनल निर्माताओं को चाइना के उपकरणों का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी. 

ग्राहकों को मिलेगा अच्छी क्वालिटी का सोलर पैनल

सोलर पैनल को लेकर सरकार की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन में दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार अब सरकार विशेष रूप से सोलर पैनलों की निगरानी करेगी और यदि कोई भी सोलर पैनल कंपनी निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करती है तो उसे सरकार की ओर से दिया गया अनुमोदन वापस ले लिया जाएगा. जाहिर सी बात है इस नियम से ग्राहकों को फायदा होगा और उन्हें सस्ता और अच्छी क्वालिटी का सोलर पैनल मिल सकेगा. 

भारत में ही बनाना होगा सोलर सेल - केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह 

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय और ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया की सरकार अगले तीन से चार साल में सिर्फ मेड इन इंडिया सेल, वेफर्स और पॉली सिलकान से बने सोलर पैनल को ही ALMM के तहत रजिस्टर करेगी. केंद्रीय मंत्री ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों से इस संबंध में एक विस्तृत पॉलिसी बनाने के लिए कहा है मंत्रालय के अनुसार 1 से 2 साल में सोलर पैनल की क्वालिटी और उनमें प्रयोग होने वाले कच्चे माल को लेकर स्पष्ट पॉलिसी तैयार कर ली जाएगी.

मानक पर खरे न उतरने वाले सोलर पैनल निर्माता होंगे ALMM से बाहर 

ज्ञातव्य हो कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से घरेलू स्तर पर सोलर पैनल की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए अप्रूव्ड लिस्ट ऑफ माड्यूल एंड मैन्युफैक्चरर (ALMM) की शुरुआत की गई थी. कम दक्षता वाले सोलर माड्यूल को ALMM से हटा दिया जाता है.

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हम अपनी सोलर पॉलिसी को डेवलप करेंगे और सिर्फ उन सोलर माड्यूल्स को सरकारी अनुमोदन और मान्यता प्रदान करेंगे जो भारत में बने हैं, इतना ही नहीं सोलर पैनल में प्रयोग होने वाले वेफर्स, सिलकान सेल, बैकशीट आदि सभी मेटेरियल भारत में ही बने चाहिए.

केंद्रीय मंत्री के अनुसार सरकार के इस कदम से मेकिंग इंडिया के टारगेट को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी सरकार अगले को सालों में सोलर पैनलों की पुर्जो के इंपोर्ट को बढ़ावा नहीं देगी.

सिर्फ असेम्बलिंग को नहीं माना जाएगा "Made In India" प्रोडक्ट 

कई सोलर निर्माता ऐसे हैं जो बाहर से सेल और अन्य उपकरणों को इंपोर्ट करते हैं और भारत में सिर्फ उन्हें असेंबल कर लेते हैं और फिर उस पर मेड इन इंडिया का ठप्पा लगा देते हैं, जबकि वास्तव में सभी उपकरणों का  निर्माण चीन में ही होता है भारत में सिर्फ उसकी असेंबलिंग होती है. लेकिन अब मंत्रालय अगले साल से ऐसे सोलर पैनल निर्माता की समीक्षा करेगा और उन्हें ALLM की सूची से बाहर करने पर विचार करेगा.

सरकार के इस नियम ग्राहकों को होगा फायदा

केंद्रीय उर्जा मंत्री के अनुसार सरकार सोलर पैनल लगवाने वाले लोगों के हितों की रक्षा के लिए सोलर पैनल निर्माताओं को किसी भी पुराने डिवाइसेज या पुरानी टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने की इजाजत नहीं देगी, कंपनियों को सोलर पैनलों में टिकाऊ, भरोसेमंद और भारतीय टेक्नोलॉजी का प्रयोग करना होगा. साथ ही सोलर पैनलों को और अधिक उन्नत बनाने पर काम करना होगा. 

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