सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों को मोटी सैलरी दी जाती है, उसके बाद भी कई कर्मचारी ऐसे हैं जो गरीबों का खून चूसने से बाज नहीं आते. मोटी पगार पाने वाले सरकारी अधिकारियों को रोज कमाने खाने वाले गरीबों से भी रिश्वत लेते हुए शर्म नहीं आती. ऐसी ही एक घटना में अपने खेत में सरकारी सब्सिडी वाला सोलर पंप लगवाने के लिए किसान से ₹40000 की रिश्वत लेने वाले रिश्वतखोर अफसर को 4 साल जेल की सजा सुनाई गई है.

हरियाणा के जींद में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीतू गर्ग के न्यायालय ने किसान से उसके खेत में सब्सिडी वाले सोलर प्लेट लगाने की फाइल को स्वीकृत दिलवाने के एवज में ₹40000 की रिश्वत लेने के आरोपी सौर ऊर्जा परियोजना सहायक अधिकारी प्रदीप मालिक को 4 साल कैद की सजा सुनाई है. इतना ही नहीं कोर्ट ने उस पर ₹20,000 का जुर्माना लगाते हुए जुर्माना न भरने पर 9 माह की अतिरिक्त कारावास का भी दंड दिया है.


सब्सिडी वाले सोलर पंप के लिए किसान ने किया था आवेदन

हरियाणा, जींद के छतर गांव निवासी किसान कृष्ण कुमार ने विजिलेंस को दी गई शिकायत में बताया कि उसने खेत में सब्सिडी वाला सोलर वाटर पंप लगाने के लिए डीआरडीए स्थित सौर ऊर्जा विभाग में आवेदन किया था. ज्ञातव्य हो कि सरकार की योजना के अनुसार किसानों को सोलर वाटर पंप पर 90% तक की सब्सिडी दी जाती है.

फाइल स्वीकृत करने के लिए सौर ऊर्जा अधिकारी ने मांगी रिश्वत

किसान द्वारा सब्सिडी वाले सोलर पंप के लिए दिए गए आवेदन की फाइल को आगे भेजने के एवज में सहायक परियोजना अधिकारी प्रदीप मलिक ने किसान से ₹40000 रिश्वत की मांग की. किसान ने इसकी शिकायत विजिलेंस में की.

विजिलेंस ने केमिकल लगे नोट देकर भेजा

इसके बाद विजिलेंस ने शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार को केमिकल लगे हुए नोट देकर सहायक परियोजना अधिकारी प्रदीप मलिक के पास भेजा, प्रदीप मलिक ने उसे डीआरडीए में बुला लिया. इसके बाद प्रदीप कुमार किसान को अपनी गाड़ी में बैठाकर एक स्कूल के पास ले गया. वहां पर उसने कृष्ण कुमार से रिश्वत के पैसे ले लिए.

पैसे लेते ही चुपके से पीछा कर रही विजिलेंस की टीम ने प्रदीप मलिक को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिए और उसके कब्जे से रिश्वत के ₹40000 की रकम भी बरामद कर ली. अब कोर्ट ने रिश्वतखोर प्रदीप मलिक को 4 साल जेल की सजा सुनाई है.

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