पहले घरों में आमतौर पर 100 वाट के बल्ब का प्रयोग किया जाता था, पुरानी तकनीक की सीआरटी टेलीविजन, कंप्यूटर मॉनिटर और हीटर आदि भी खूब बिजली की खपत करते थे. बिजली का बिल बढ़ना शुरू हुआ तो लोगों ने कम उर्जा खपत वाले उपकरणों का प्रयोग करना शुरू किया.
100 वाट बल्ब की जगह 9 और 10 वाट की एलईडी ने ले ली 100 वाट में चलने वाली टीवी की जगह में 30 - 40 वाट में चलने वाली स्मार्ट टीवी ने ले ली.
कम बिजली खपत वाले उपकरणों का प्रयोग होने के बावजूद भी लोगों का बिल तेजी से बढ़ रहा है, खासकर जो लोग अपने घर पर एयर कंडीशनर का प्रयोग करते हैं उनके घरों का बिजली का बिल उन्हें AC की ठंडक में भी पसीना छुड़ाने को मजबूर करता रहता है.
यदि आप भी बिजली के भारी भरकम बिल से परेशान है और इसका कोई स्थाई समाधान खोज रहे हैं तो सरकार की सोलर रूफ टॉप योजना का लाभ अवश्य उठाएं.
सोलर रूफटॉप योजना क्या है
सोलर रूफटॉप योजना लोगों को सोलर एनर्जी के प्रति जागरूक करने और अधिक से अधिक सोलर पावर प्लांट लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना के अंतर्गत लोगों को अपनी छत पर सोलर पैनल लगवाने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाती है.
सोलर पर कितनी सब्सिडी है?
केंद्र सरकार की ओर से सोलर पर सब्सिडी सोलर पावर प्लांट की क्षमता के अनुसार प्रदान की जाती है. अलग-अलग क्षमता वाले सोलर प्लांट के लिए सरकार की ओर से सोलर सब्सिडी के दो स्लैब तैयार किए गए हैं.
एक से तीन किलो वाट तक के सोलर के लिए कितनी सब्सिडी है
केंद्र सरकार की ओर से एक किलो वाट से लेकर 3 किलो वाट तक के सोलर पावर प्लांट के लिए 40% की सब्सिडी प्रदान की जाती है.
3 किलो वाट से ऊपर और 10 किलोवाट तक सोलर के लिए कितनी सब्सिडी है
यदि आपके घर का लोड 3 किलो वाट से ऊपर है तो भी आपको सरकार की सोलर सब्सिडी योजना का लाभ मिल सकता है क्योंकि सरकार की ओर से 10 किलो वाट तक के सोलर पावर प्लांट के लिए 20% की सब्सिडी प्रदान की जाती है.
छत पर सोलर पैनल लगाकर कमाई
सोलर पैनल लगाकर न केवल केवल जीवन भर फ्री में बिजली का प्रयोग कर सकते हैं वरन अपनी छत पर सोलर पैनल लगाकर कमाई का इंतजाम भी कर सकते हैं. भारत के ज्यादातर प्रदेशों में रूफटॉप सोलर योजना के अंतर्गत घरों पर लगे हुए सोलर प्लांट के माध्यम से बनने वाली बिजली को सरकार की ओर से खरीदा जाता है.
उपभोक्ता द्वारा ग्रिड में भेजी गई बिजली की गणना के लिए सोलर लगाने वाले लोगों के घरों पर एक विशेष मीटर की स्थापना की जाती है. जिसे बाई डायरेक्शनल मीटर कहते हैं. इस मीटर की विशेषता यह होती है कि इसमें एनर्जी का एक्सपोर्ट और इंपोर्ट दोनों शो होता है.
सरल भाषा में समझे तो यह मीटर आपके द्वारा ग्रिड को दी गई कुल बिजली और ग्रिड से ली गई कुल बिजली का हिसाब किताब रखता है. यदि आपने ग्रिड को अधिक बिजली दी है तो आपको उसका भुगतान इसी मीटर के आधार पर किया जाता है.
सोलर रूफटॉप योजना में सोलर पैनल कैसे लगवाएं
यदि आप भी केंद्र सरकार की ओर से संचालित सोलर रूफटॉप योजना के अंतर्गत अपनी छत पर सोलर पैनल लगवा कर जीवन भर फ्री में बिजली पानी का इंतजाम करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा संचालित नेशनल सोलर रूफटॉप पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण करना होगा.
इस पोर्टल पर पंजीकरण करना बेहद आसान है यदि आप सोलर उठा पोर्टल पर पंजीकरण करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करके इस पोर्टल पर विकसित कर सकते हैं
National Portal for rooftop solar
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